देहरादून 27अक्टूबर 2021,
दिल्ली: पेगासस स्पाइवेयर मामले की कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र जांच होगी या नहीं, की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई।
सीजेआई ने फैसला देते हुए कहा कि आरोपों में तकनीक के दुरूपयोग को लेकर अदालत इस मामले में सभी मूल अधिकारों का संरक्षण करेगी। जिन लोगों के अधिकार का हनन हुआ है और निजता के अधिकार का उल्लंघन हुआ है, उसका ध्यान रखते हुए अदालत का मानना है कि तकनीक सुविधा के साथ नुकसान का साधन बन सकती है। जिससे निजता का उल्लंघन हो सकता है और अन्य मूल अधिकार प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में जीवन और स्वतंत्रता के दृष्टिगत ऩिजता के अधिकार का ध्यान रखने के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को भी ध्यान में रखा जायेगा।
चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि अभिव्यक्ति कि स्वतंत्रता और प्रेस कि स्वतंत्रता लोकतंत्र में अहम है। उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वाली याचिकाओं से अदालत सहमत नही है। सरकार की ओर से कहा गया कि ये याचिकाएं अखबारों में छपी खबरों पर आधारित है और मामले में हस्तक्षेप नहीं करने कि गुजारिश की गई। कोर्ट की तरफ से कई बार जवाब मांगे जाने के बाद भी व्यापक शपथ पत्र सरकार ने नहीं दाखिल किया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया मामले को ध्यान में रखते हुए अदालत आरोपों कों परखने के लिए कदम उठाएगी। अदालत विशेष समिति का गठन कर रही है ताकि सच सामने आए। इस समिति में पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज आरवी रविंद्रन, आईपीएस आलोक जोशी, संदीप ओबेराय और इसके अलावा तीन तकनीकी सदस्य शामिल होंगे।