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अमित शाह ने नवा रायपुर, छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी के कार्यालय का उद्घाटन किया।

देहरादून 28 अगस्त 2022,

छत्तीसगढ़: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नवा रायपुर, छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी के कार्यालय का उद्घाटन किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह, एनआईए के महानिदेशक दिनकर गुप्ता और जाँच एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

गृह मंत्री अमित शाह ने तीजा पोला पर्व के अवसर पर समग्र छत्तीसगढ़वासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। उन्होने कहा कि हमारे पूर्वजों ने बहुत सोच समझकर पर्व और त्योहार बनाए हैं और इनमें अनेक चीजों को जोड़कर जनमानस को व्यापक प्रशिक्षण देने का संदेश रखा है।

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने बहुत ही कम समय में अपने कार्य क्षेत्र में दक्षता हासिल कर पूरे विश्व में एक प्रमुख एंटी टेरर इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के रूप में अपनी पहचान बनाई है।

एनआईए ने दोषसिद्धि और कनविक्शन में गोल्ड स्टैंडर्ड स्थापित किए हैं एवं क़रीब 94% तक दोषसिद्धि हासिल की है और वो भी ऐसे मामलों में जहां साक्ष्य मिलना ही मुश्किल है।

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने वामपंथी उग्रवाद और जाली करेंसी तथा नारकोटिक्स समेत आतंकवाद से जुड़े सभी अपराधों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। केंद्र सरकार जीरो टॉलरेंस नीति को और मजबूत बनाने के लिए राजनीति से ऊपर उठकर आतंकवाद संबंधी सारी सूचनाओं को राज्यों के साथ साझा करने और आतंकवाद विरोधी सभी कानूनों को पुख्ता और सख्त बनाने का काम कर रही है।

एनआईए को मजबूत करने के लिए क्वालिटी ऑफ इन्वेस्टिगेशन, बेस्ट मैन पावर एंड ट्रेनिंग , कंटीन्यूअस लर्निंग प्रोसेस, बेस्ट टेक्निक साइबर एंड फॉरेंसिक हेल्प, को इसकी कार्यपद्धति में शामिल किया है। 2019 के बाद सरकार ने एनआईए एक्ट और यूएपीए एक्ट में बहुत महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं, आतंकवादी संगठनों को प्रतिबंधित करने और उन्हे आतंकवादी संगठन घोषित करने के साथ ही एनआईए को संगठनों के साथ-साथ व्यक्तियों को भी आतंकवादी घोषित करने का अधिकार दिया गया।

अब तक एनआईए ने 36 व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित करने का काम किया है और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता प्राप्त हुई है। हमारी सरकार देश में विगत 50 साल के अंदर हुई आतंकवादी घटनाओं की एफ़आईआर, उनका इन्वेस्टिगेशन और उनके बारे में सर्वोच्च न्यायालय तक के फैसले का एक डाटाबेस बनाने का काम कर रही है। सरकार ने वामपंथी उग्रवाद को भी मूल समेत उखाड़ने का संकल्प किया है, अब वामपंथी उग्रवाद बहुत कम जिलों में सिमट कर रह गया है

2009 में वामपंथी उग्रवाद की सर्वाधिक घटनाएं 2258 हुई थी इसमें 77% कटौती के साथ 2021 में वे सिर्फ 509 रह गई, जान गँवाने वाले नागरिक और सुरक्षाकर्मी जो 2010 में सर्वाधिक 1005 थे वह 85% कम होकर 2021 में 147 लोगों की जान गई है।

पहले वामपंथी उग्रवाद 120 जिलों तक फैला हुआ था जो अब सिर्फ 46 तक रह गया है, यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है, हिंसक घटनाओं में 50% की कमी और आत्मसमर्पण में 140% की वृद्धि बताती है कि इसके खिलाफ बहुत अच्छी सफलता मिली है

छत्तीसगढ़ के कुछ क्षेत्र अभी भी वामपंथी उग्रवाद से ग्रसित हैं लेकिन पूरा विश्वास है कि भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार दोनों मिलकर इस राज्य से भी वामपंथी उग्रवाद को खत्म करने में सफल होंगी। यह लड़ाई किसी राज्य सरकार या केंद्र सरकार के सामने नहीं है बल्कि मानवता, देश और अर्थ तंत्र के खिलाफ है।

 

 

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