देहरादून 15 जुलाई 2022,
कर्नाटक के लेखक देवनूर महादेवा की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर आधारित पुस्तक ‘आरएसएस, आला, अगला’ (आरएसएस, गहराई और चौड़ाई) राजनीतिक चर्चा में आ गई है। भारतीय जनता पार्टी समर्थक इस पुस्तक को आरएसएस के खिलाफ प्रोपेगेंडा बताकर पुस्तक पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं।
विवादों में घिरे होने पर भी इस पुस्तक की रिकॉर्ड बिक्री हुई है। पुस्तक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘उत्सव मूर्ति’ (परेड देवता) के रूप में वर्णित किया गया है । केंद्र सरकार का वास्तविक नियंत्रण नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय के पास है। किताब में लेखक ने आरएसएस के अधिकांश सदस्यों को ‘मनुवादी’ कहा है और यह भी कहा है कि वे भारत के संविधान को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि “भगवद गीता गुलामी का एक साधन है”।
देवनूर महादेवा को प्रतिष्ठित दलित लेखक के रूप में पहचाना जाता है और वह हमेशा से व्यवस्था विरोधी रुख अपनाते रहे हैं। भाजपा समर्थकों द्वारा इस पुस्तक पर प्रतिबंध लगाने और लेखक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की जा रही है।