देहरादून 15 अक्टूबर 2022,
नैनीताल: उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण द्वारा विधानसभा में बैकडोर से की गई भर्तियों को निरस्त करते हुए सेवा समाप्त करने को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। ऋतु खंडूड़ी भूषण द्वारा द्वारा कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने के निर्णय पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। फिलहाल कर्मचारियों की नौकरी बनी रहेगी। उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने विधानसभा में बैकडोर से हुईं 250 भर्तियां रद्द कर दी थी। यह भर्तियां 2016 में कांग्रेस शासन और 2020 में भाजपा शासन में हुई थी। इनमें 228 तदर्थ और 22 उपनल के माध्यम से हुईं नियुक्तियां शामिल हैं। उत्तराखंड विधानसभा भर्ती घोटाले मामले में विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करते हुए उनके खिलाफ जांच बैठा दी गई थी। विधानसभा में हुईं भर्तियों की जांच के लिए बनी तीन सदस्यीय विशेषज्ञ जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट दे थी। इस रिपोर्ट की सिफारिश के आधार पर 2016 में हुईं 150 तदर्थ नियुक्तियां, 2020 में हुईं छह तदर्थ नियुक्तियां, 2021 में हुईं 72 तदर्थ नियुक्तियां और उपनल के माध्यम से हुईं 22 नियुक्तियां रद्द की गई। 2016 की जो 150 भर्तियां रद्द की गई हैं, वह कांग्रेस सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे गोविंद सिंह कुंजवाल के कार्यकाल में हुई थीं। 2020 की छह, 2021 की 72 तदर्थ व 22 उपनल की भर्तियां भाजपा सरकार में विस अध्यक्ष रहे प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में हुई थीं। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि 2011 से पहले विधानसभा में जो नियुक्तियां हुई थीं, वह कर्मचारी नियमित हो चुके हैं। उनकी नियुक्ति कैसे हुई, नियमितिकरण कैसे किया गया, पदोन्नतियां कैसे हुईं, इस पर विधिक राय लेने के बाद कार्रवाई की जाएगी।