देहरादून 14 अप्रैल 2023,
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भारत रत्न भीमराव आंबेडकर की 132वीं जयंती पर वर्तमान राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में कहा कि, विपक्षी दल हों, सामाजिक समूह, गैर सरकारी संगठन, न्यायपालिका, मीडिया और आम नागरिक हों, उन्हें जबरन चुप कराना और ‘देशद्रोही’ घोषित करना एक खतरनाक चलन है। यह हमारे लोकतंत्र को खत्म कर देगा और हमारे संविधान को नष्ट कर देगा।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि यह गंभीर आत्मनिरीक्षण का समय है, क्या हम अपने लोकतंत्र के पतन की अनुमति देंगे और तानाशाही के लिए मार्ग प्रशस्त करेंगे? उन्होंने कहा कि बाबासाहेब स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और सामाजिक न्याय के लोकतांत्रिक सिद्धांतों के समर्थक थे। वह आर्थिक और सामाजिक रूप से भारत और उसके समाज के परिवर्तन के लिए अपनी प्रतिबद्धता के प्रति दृढ़ थे। उनकी बेहतरीन विरासत को संरक्षण के लिए निरंतर देखभाल की जरूरत है।
उन्होंन कहा कि, आधुनिक भारत के निर्माताओं पंडित नेहरू, सरदार पटेल , मौलाना आज़ाद और नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने जिस लोकतंत्र की कल्पना की, वह गंभीर खतरे में है। संसद बहस के बजाय युद्ध के अखाड़े में तब्दील हो गई है। विपक्ष द्वारा नहीं, बल्कि सत्ता पक्ष द्वारा ही तब्दील कर दी गई है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बाबासाहेब आंबेडकर को याद किया और उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित की। राहुल गांधी ने ट्विटर पर आंबेडकर के कुछ कथनों का एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि वह भारतीय संविधान के निर्माता को नमन करते हैं।
कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, बाबासाहेब आंबेडकर जी ने संविधान के ज़रिये हमें न्याय, समता और बंधुत्व जैसे मूल्य प्रदान किए। आज देश के संविधान व इन मूल्यों पर सुनियोजित हमला किया जा रहा है। आइए, बाबा साहेब की जयंती पर अपने संविधान और बाबा साहेब के विचारों की रक्षा का संकल्प लें। जय भीम। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, हम शायद सबसे ज्यादा शिक्षित एवं प्रतिभाशाली संस्थापकों में से एक को याद कर रहे हैं। बाबासाहेब आज भी हमारे प्रेरणास्रोत हैं। पंडित नेहरू ने कहा था कि संविधान निर्माण में आंबेडकर की तुलना में किसी ने उतनी परेशानी नहीं उठाई, उन्होंने सबसे ज्यादा ध्यान दिया। आज उनकी विरासत पर हमले हो रहे हैं।
सोनिया गांधी ने कहा कि बाबासाहेब ने अपने अंतिम भाषण में चर्चा की कि कैसे जाति व्यवस्था बंधुत्व की जड़ों पर प्रहार करती है। उन्होंने इसे ‘राष्ट्र-विरोधी’ कहा क्योंकि यह अलगाव, ईर्ष्या, विद्वेष पैदा करती है और भारतीयों को एक-दूसरे के खिलाफ विभाजित करती है।
वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि बाबासाहेब प्रतिष्ठित और प्रेरणादायक हैं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि नेहरू ने खुद कहा था कि डॉ. अंबेडकर की तुलना में किसी ने संविधान निर्माण पर अधिक ध्यान नहीं दिया था। आज उस विरासत पर हमला हो रहा है।