देहरादून 29 अक्टूबर 2022,
दिल्ली: हरियाणा के सूरजकुंड में चल रहे चिंतन शिविर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने संबोधन में कहा कि , कानून एवं व्यवस्था का सीधा संबंध विकास से है, अत: शांति बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है। आने वाले 25 साल देश में एक अमृत पीढ़ी के निर्माण के हैं। मंत्रियों का ये चिंतन शिविर सहकारी संघवाद का एक उत्तम उदाहरण है।
प्रधानमंत्री मोदी ने गृह मंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि कानून एवं व्यवस्था का सीधा संबंध विकास से है, अत: शांति बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था राज्यों की जिम्मेदारी है लेकिन ये देश की एकता और अखंडता से भी जुड़ी हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्यों के गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हरियाणा के सूरजकुंड में चल रहा मंथन सत्र ‘सहकारी संघवाद का उत्कृष्ट उदाहरण है।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यों के गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने ‘एक राष्ट्र, एक पुलिस वर्दी’ के विषय पर बोलते हुए कहा कि, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को इस पर चर्चा करनी चाहिए कि क्या यह संभव है। उन्होंने कहा कि अपराध वाली किसी भी जगह पर जैसे ही पुलिस पहुंचती है, लोगों में ये भाव आता है कि सरकार पहुंच गई। कोरोना काल में भी हमने देखा कि किस तरह पुलिस की साख बेहतर हुई थी। नरेंद्र मोदी ने कहा, आज एनडीआरएफ के लिए देशवासियों के मन में कितना सम्मान है। आपदा के समय जैसे ही एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की टीम पहुंचती है, वैसे ही लोगों को संतोष होने लगता है कि अब एक्सपर्ट पहुंच गए हैं, अब ये अपना काम कर लेंगे।
प्रधान मंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, दो दिवसीय चिंतन शिविर आंतरिक सुरक्षा से संबंधित मामलों पर नीति निर्माण के लिए एक राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य प्रदान करने का एक प्रयास है। शिविर पुलिस बलों के आधुनिकीकरण, साइबर अपराध प्रबंधन, आपराधिक न्याय प्रणाली में आईटी के बढ़ते उपयोग, भूमि सीमा प्रबंधन, तटीय सुरक्षा, महिला सुरक्षा, मादक पदार्थों की तस्करी जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श करेगा। मोदी ने कहा कि साइबर क्राइम हो या फिर ड्रोन टेक्नोलॉजी का हथियारों और ड्रग्स तस्करी में उपयोग, इनके लिए हमें नई टेक्नोलॉजी पर काम करते रहना होगा। स्मार्ट टेक्नोलॉजी से कानून-व्यवस्था को स्मार्ट बना पाना संभव होगा।
प्रधानमंत्री ने बताया कि, अमृत पीढ़ी, पंच प्राणों के संकल्पों को धारण करके निर्मित होगी। विकसित भारत का निर्माण, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता-एकजुटता और नागरिक कर्तव्य इन पंच प्राणों का महत्व आप सभी जानते हैं। उन्होंने कह, गृह मंत्रियों का ये चिंतन शिविर सहकारी संघवाद का एक उत्तम उदाहरण है। हर एक राज्य एक दूसरे से सीखे, एक दूसरे से प्रेरणा लें, देश बेहतरी के लिए काम करे, ये संविधान की भी भावना है और देशवासियों के प्रति हमारा दायित्व है।