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केन्द्रीय गृहमंत्री ने हरियाणा के सूरजकुंड में दो दिवसीय चिंतन शिविर को संबोधित किया।

देहरादून 28 अक्टूबर 2022,

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने हरियाणा के सूरजकुंड में दो दिवसीय चिंतन शिविर को संबोधित किया। दो दिवसीय चिंतन शिविर में राज्यों के मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और संघशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और प्रशासकों ने भाग लियाहै।

चिंतन शिविर में अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से आयोजित ये चिंतन शिविर देश के सामने मौजूद सभी चुनौतियों, जैसे, साइबर अपराध, नारकोटिक्स का प्रसार और सीमापार आतंकवाद आदि का मिलकर सामना करने के लिए एक साझा मंच प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि आज अपराधों का स्वरूप बदल रहा है और ये सीमारहित हो रहे हैं, इसीलिए सभी राज्यों को मिलकर एक साझा रणनीति बनाकर इसके खिलाफ लड़ना होगा। इस साझा रणनीति को बनाने और इस पर अमल के लिए मोदी सरकार ‘सहकारी संघवाद’, तथा ‘टीम इंडिया’ एप्रोच के तहत केंद्र और राज्यों में थ्री सीएसयानी कोऑपरेशन, कोआर्डिनेशन, कोलैबोरेशन को बढ़ावा दे रही है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्र, जम्मू-कश्मीर और नॉर्थईस्ट, जो पहले कभी हिंसा और अशांति के हॉट स्पॉट होते थे, वो अब विकास के हॉट स्पॉट बन रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 8 सालों में नॉर्थईस्ट में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है और 2014 के बाद से उग्रवाद की घटनाओं में 74%, सुरक्षा बलों के हताहतों की संख्‍या में 60% और नागरिकों की मृत्‍यु में लगभग 90 प्रतिशत की कमी आई है। इसके अलावा एनएलएफटी , बोडो, ब्रू, कारबी आंगलोंग समझौते करके क्षेत्र में चिरस्थायी शांति स्थापित करने के प्रयास किए गए हैं जिनके अंतर्गत 9 हजार से अधिक उग्रवादियों ने सरेंडर किया है। उन्होंने कहा कि नॉर्थईस्ट में शांति बहाल होने से 60 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रों से एएफएसपीए को हटा लिया गया है। वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति में सुधार पर श्री शाह ने कहा कि इन क्षेत्रों में हिंसा की घटनाओं में 77 प्रतिशत की कमी आई है और इन घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या में 85% से अधिक की कमी दर्ज की गई है। श्री शाह ने कहा कि 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद से वहां शांति और प्रगति की एक नई शुरूआत हुई है। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त, 2019 के पहले के 37 महीनों और बाद के 37 महीनों की अगर तुलना की जाए तो आतंकवादी घटनाओं में 34% और सुरक्षा बलों की मृत्यु में 54% की कमी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति रही है और इस पर निर्णायक जीत हासिल करने के लिए एनआईए और अन्य ऐजेंसियों को मज़बूत किया जा रहा है। श्री शाह ने बताया कि 2024 से पहले सभी राज्यों में एनआईए की शाखा स्थापित करके आतंकवाद-रोधी नेटवर्क खड़ा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। श्री शाह ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक जीत प्राप्त करने के लिए लीगल फ्रेमवर्क को मजबूत किया जा रहा है जिसके अंतर्गत एनआईए एवं यूएपीए कानूनों में संशोधन करके व्यक्तिगत आतंकवादी घोषित करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि एनआईए को एक्स्ट्रा टैरीटोरियल क्षेत्राधिकार दिया गया है और इसके साथ ही ऐजेंसी को आतंकवाद से अर्जित/संबंधित संपत्ति को जब्त करने का अधिकार भी प्रदान किया गया है। श्री शाह ने कहा कि 2024 तक देश के सभी राज्यों में एनआईए की शाखाओं को स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों के आपसी सहयोग और समन्वय के ही कारण आज देश के अधिकांश सुरक्षा हॉटस्पॉट राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से लगभग मुक्त हो गए हैं। श्री शाह ने कहा कि नारकोटिक्स के खिलाफ मोदी सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं और पिछले 8 वर्षों में 3 हजार केस दर्ज किए गए हैं जबकि लगभग 20 हजार करोड़ रूपए से अधिक मूल्य की ड्रग्स जब्त की गई है।

श्री अमित शाह ने कहा कि साइबर अपराध आज देश और दुनिया के सामने बहुत बड़ा खतरा है और इसके खिलाफ लड़ाई में गृह मंत्रालय कमर कस कर तैयार है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय सीआरपीसी, आईपीसीसी और एफसीआरए में सुधारों पर लगातार काम कर रहा है और जल्द ही इनका संशोधित खाका संसद में पेश किया जाएगा। श्री शाह ने कहा कि सभी राज्यों को दोष सिद्धि दर बढ़ाने के लिए फॉरेंसिक विज्ञान का अधिकतम उपयोग करना चाहिए और केन्द्र सरकार ने इसके लिए एनएफएसयू बनाकर हरसंभव मदद उपलब्ध करवाई है। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि सीमा सुरक्षा और तटीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीमावर्ती राज्यों को केन्द्रीय ऐजेंसियों और सुरक्षाबलों के साथ मिलकर अधिक समन्वित प्रयास करने होंगे। श्री शाह ने कहा कि आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भी मोदी सरकार ने कई पहल की हैं और उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों से अनुरोध किया कि वे इन पहलों पर अमल की स्वयं निगरानी करें।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश के सामने मौजूद चुनौतियों से लड़ने के लिए उपलब्ध आतंरिक सुरक्षा के सभी संसाधनों का उचित उपयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए रिसोर्स ऑप्टिमाईजेशन, रिसोर्स का रैशनल उपयोग तथा रिसोर्स का इंटीग्रेशन करना होगा जिससे राज्यों के बीच समन्वय और बेहतर होगा। श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार “एक डाटा, एक एंट्री” के सिद्धांत पर काम कर रही है और इसके तहत एनआईए को आतंकवादी मामलों से संबधित नेशनल डेटाबेस, एनसीबी को नारकोटिक्स मामलों से संबधित नेशनल डेटाबेस, ईडी को आर्थिक मामलों से संबधित डेटाबेस और एनसीआरबी को फिंगरप्रिंट डेटाबेस – एनएफआईएस एवं यौन अपराधियों का राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने की ज़िम्मेदारी दी गई है। उन्होंने बताया कि नियामक सुधारों के अंतर्गत इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर का गठन किया गया है, साइबर क्राइम पोर्टल बनाया गया है, नेटग्रिड कनेक्टर प्रणाली स्थापित की गई है, निजी सुरक्षा एजेंसी लाइसेंसिंग पोर्टल बनाया गया है और एफसीआरए में सुधार किए गए हैं। श्री शाह ने कहा कि एफसीआरए में सुधार के तहत देशविरोधी गतिविधियों, धर्मांतरण, विकास परियोजनाओं का राजनैतिक विरोध या सरकार की नीतियों के खिलाफ दुष्प्रचार करने में लिप्त कुछ संगठनों पर कार्रवाई और 2020 में हुए संशोधन के तहत विदेशी फंडिंग के दुरुपयोग को रोकने एवं संगठनों की प्रभावी निगरानी संभव हुई है।

श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार तीन प्रमुख चुनौतियों पर समयबद्ध रणनीति के तहत काम कर रही है। पहली, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पूर्ण योजना। इसके अंतर्गत आयुष्‍मान सीएपीएफ योजना शुरू की गई और इसमें लगभग 35 लाख स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये जा चुके हैं और लगभग 20 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। दूसरा, हाउसिंग सेटिस्फेक्शन रेश्यो को बढ़ाना। आवासीय संतुष्टि का स्तर 2014 में लगभग 37 प्रतिशत था, जो वर्तमान में बढ़कर 48 प्रतिशत हो गया है। इसके अलावा सीएपीएफएस इ -आवास वेब पोर्टल बनने से ये स्तर बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। तीसरा, एज ऑफ़ पुलिसिंग जिसके अंतर्गत 100 दिन की छुट्टी, सेवानिवृत्ति की आयु को 57 से बढ़ाकर 60 वर्ष किए जाने और 64,640 उम्मीदवारों की भर्ती का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि हमें पुलिसिंग में रीजनल एप्रोच को थीमेटिक एप्रोच की तरफ लेकर जाना होगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश के विकास, स्थिरता एवं सुशासन के लिए आतंरिक सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है और ये हम सबकी साझा ज़िम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में केंद्र और राज्यों की समान जिम्मेदारी है। कोई देश तभी आगे बढ़ सकता है जब उस देश के सभी एजेंसियों के बीच घनिष्ठ सहयोग हो। श्री शाह ने कहा कि आजादी के अमृत काल में सहकारी संघवाद की भावना हमारी प्रेरक शक्ति होनी चाहिए और विश्वास व्यक्त किया कि यह चिंतन शिविर देश में क्षेत्रीय सहयोग का और विस्तार करेगा।

 

 

 

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