शिक्षा

केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने केंद्रीय विद्यालयों मे लागू कोटा प्रथा को लगभग समाप्त करने का फैसला किया है।

देहरादून 27 अप्रैल 2022,

दिल्ली: केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के पश्चात केंद्रीय विद्यालयों मे लागू कोटा प्रथा को लगभग समाप्त करने का फैसला किया है। शिक्षा मंत्रालय ने यह फैसला प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने और प्रतिभावान छात्रों को प्रवेश में अवसर दिलाने के उद्देश्य से किया है। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री भी अपने कोटे को भी समाप्त कर रहे हैं।

सांसदों, शिक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों, केंद्रीय विद्यालयों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों और स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सहित प्रवेश से जुड़े अन्य कोटे को समाप्त कर दिया गया है। इसके साथ ही केंद्रीय विद्यालयों में इस कोटे से हर साल भरी जाने वाली करीब चालीस हजार सीटें भी मुक्त हो गई है। इनमें लगभग आठ हजार सीटें सांसदों की सिफारिश से भरी जाती थी। प्रत्येक सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत केंद्रीय विद्यालय में निर्धारित दस सीटों पर सिफारिश कर प्रवेश दिलाते थे।

शिक्षा मंत्रालय से मिली अपुष्ट खबरों के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस मामले में हस्तक्षेप करने के पश्चात इस कोटे को खत्म करने के लिए कहा है। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने खुद अपने कोटे को समाप्त किया है। पिछले शिक्षण सत्र में अपने कोटे का उपयोग नहीं किया है। केंद्रीय विद्यालय संगठन ( केवीएस ) को प्रवेश से जुड़े विशेष कोटे की नए सिरे से समीक्षा करने के निर्देश दिए। पीएम की इस पहल और शिक्षा मंत्री के निर्देश के बाद केवीएस ने पिछले दिनों ही इस कोटे पर रोक लगा थी। साथ ही पूरे कोटे की समीक्षा करने का फैसला लिया था।

नई गाइड लाइन में पैरा-मिलिट्री फोर्स से जुड़े बी और सी कैटेगरी के कर्मचारियों के बच्चों के लिए पचास सीटों आरक्षित की गई है। कोविड में अनाथ बच्चों का कोटा बरकरार है।कश्मीरी विस्थापितों के बच्चों के लिए दाखिले में विशेष रियायत जारी रखने का भी फैसला लिया है।

 

 

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