दिल्ली, 09 Oct 2021
भारत में बिजली उत्पादन करने के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल कोयले का ही होता है। आने वाले दिनों में आपके घर की बिजली गुल हो सकती है क्योंकि देश में केवल चार दिन का कोयला बचा हुआ है। ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक कोयले पर आधारित बिजली उत्पादन केंद्रों में कोयले का स्टॉक बहुत कम हो चुका है।बता दें कि देश में 70 फीसदी बिजली उत्पादन कोयले के द्वारा ही होता है। जानकारी के मुताबिक कुल 135 थर्मल पावर प्लांट्स में से 72 के पास कोयले का तीन दिन से भी कम का स्टॉक बचा हुआ है। जबकि 50 पावर प्लांट ऐसे है जहां कोयले का चार से 10 दिन का स्टॉक है।
दिल्ली के मुख्य मंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर कर दिल्ली में होने वाले बिजली संकट को संज्ञान में लिया। दिल्ली के ऊर्जा मंत्री श्री सतेंद्र जैन ने चेताया है कि दो दिन के बाद दिल्ली अंधकार में डूब जाएगी अगर पावर प्लांटो को कोयला मोहेया नही कराया गया। तमिल नाडु और कर्नाटका में भी यही स्थिति बनी हुई है।
ऊर्जा मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बिजली संकट के पीछे एक वजह कोरोना काल भी है जिसमें दफ्तर के काम से लेकर अन्य काम घर से ही निपटाए जा रहे थे और लोगों ने इस दौरान जमकर बिजली का इस्तेमाल किया। दूसरी वजह हर घर बिजली देने का लक्ष्य, जिससे पहले के मुकाबले बिजली की मांग काफी बढ़ी हुई है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि भारी बारिश के कारण खदानों में पानी भर जाने की वजह से कोयले की निकासी नहीं हो पा रही है। केवल यूपी ही नहीं पूरे देश में कोयले का संकट खड़ा हुआ है। जिन बिजलीघरों में कोयले का स्टॉक कम रह गया है वहां उत्पादन घटा दिया गया है ताकि इकाइयां पूरी तरह बंद करने की नौबत न आए। यूपी में बिजली के उत्पादन में तक रीबन 2000 मेगावाट की कमी हुई है। अधिकारियों का कहना है कि चूंकि अभी मांग बहुत ज्यादा नहीं है इसलिए स्थिति नियंत्रण में है। लेकिन, इसी सप्ताह नवरात्रि के साथ शुरू हो रहे त्यौहारी सीजन में मांग बढ़ने की संभावना है।