देहरादून नवंबर 2022,
दिल्ली : सख्त कोविड लॉकडाउन के चलते चीन में देश के कई हिस्सों में सरकार के खिलाफ जबर्दस्त प्रदर्शन जारी हैं। हजारों नागरिक सड़कों पर कर राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अत्यंत सख्त ज़ीरो कोविड पॉलिसी का विरोध कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि चीन में ज़ीरो कोविड पॉलिसी के तहत नागरिकों को अपने घरों के बाहर आने नहीं दिया जाता है। चीनी पुलिस द्वारा एक पत्रकार को शंघाई में प्रदर्शन को कवर करने के दौरान हिरासत में लेकर मारपीट की गई है।पिछले एक साल के दौरान अलग अलग शहरों में बार बार लॉकडाउन लग रहे हैं, जिससे नागरिकों का जीना मुश्किल हो गया है। नागरिक राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तानाशाही के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन कर उन्हें गद्दी छोड़ने के लिए कह रहे हैं।
बीबीसी ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन के हवाले से बताया गया है, कि उसके एक पत्रकार को शंघाई में प्रदर्शन को कवर करने के दौरान हिरासत में लेकर मारपीट की गई। बीबीसी ने कहा कि, पत्रकार पर हमला किया गया, क्योंकि वो शंघाई में प्रदर्शन को कवर कर रहे। बीबीसी के मुताबिक, कैमरामैन एडवर्ड लॉरेंस को पुलिस ने कई घंटे हिरासत में रखा और रिहा किए जाने से पहले कई घंटों तक उन्हें हथकड़ी लगाकर रखा गया। बीबीसी ने बताया कि, चीनी पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के दौरान पत्रकार की पिटाई की गई। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने ब्रिटिश पब्लिक सर्विस ब्रॉडकास्टर के एक प्रवक्ता के हवाले से कहा कि, “बीबीसी हमारे पत्रकार एड लॉरेंस के इलाज के बारे में बेहद चिंतित है, जिन्हें शंघाई में विरोध प्रदर्शन को कवर करते हुए गिरफ्तार किया गया था और हथकड़ी लगाई गई थी।”
बीबीसी के प्रवक्ता ने कहा कि, “रिहा करने से पहले उन्हें कई घंटों तक हिरासत में रखा गया और गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उन्हें पीटा और लात मारी। यह तब हुआ, जब वह एक मान्यता प्राप्त पत्रकार के रूप में काम कर रहे थे।” आपको बता दें कि, शंघाई उन कई चीनी शहरों में शामिल है, जहां कोविड के कड़े प्रतिबंधों को लेकर विरोध हो रहा है। शिनजियांग में घातक आग के बाद हफ्ते के अंत से विरोध प्रदर्शन काफी तेज हो गया है। लोगों का कहना है कि, बिल्डिंग में आग लगी थी, फिर भी चीनी पुलिस लोगों को बिल्डिंग से बाहर नहीं निकलने दे रहे थे, जिसकी वजह से अनेक नागरिकों की जलकर मौत हो गई, जबकि लगभग बीस लोग गंभीर झुलस गये। बीबीसी ने कहा कि, लॉरेंस की हिरासत के लिए चीनी प्रशासन की तरफ से विश्वसनीय स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।