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चेक बाउंस के मामलों के लिए गठित कमेटी की सिफारिशों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार, राज्य सरकार और हाईकोर्ट से जवाब मांगा है।

देहरादून 29 अप्रैल 2022,

दिल्ली : विगत वर्षों में देश में चेक बाउंस के मामलों में बहुत तेजी से बढ़ोतरी हुई है।चेक बाउंस के मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक एक्सपर्ट्स कमेटी बनाने की सिफारिश की थी। चेक बाउंस के मामलों के लिए गठित की गई कमेटी ने सिफारिश की थी कि इस तरह के केस की सुनवाई के लिए एक विशेष अदालतें बनाई जाए। इसके साथ ही इस केस के जल्द निपटारे के लिए रिटायर्ड जजों की भी नियुक्ति की जाए। चेक बाउंस के मामलों के लिए गठित कमेटी की सिफारिशों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार, राज्य सरकार और हाईकोर्ट से जवाब मांगा है।

जारी आंकड़ों के मुताबिक   देशभर के अलग-अलग कोर्ट में लगभग 44 लाख चेक बाउंस के मामले लंबित पड़े हैं। इसमें सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में लंबित है।अगर कमेटी के सुझावों पर अमल होता है तो इस काम को निपटाने में कुल खर्च करीब 127 करोड़ रुपये का आएगा। इसके साथ ही इस काम के लिए कुल 1826 अधिकारियों और जजों की नियुक्ति करनी पड़ेगी।

चेक बाउंस के मामलों में चेक जारी करने वाले को अधिकतम 2 साल की सजा और चैक में अंकित धनराशि के साथ जुर्माना देना पड़ सकता है।

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