देहरादून 24 फरवरी 2023,
दिल्ली : भारत की अध्यक्षता मैं होने वाली वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की जी-20 की बैठक के संबंध में, “डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना” विषय पर एक उच्च स्तरीय संगोष्ठी बेंगलुरु, भारत में आयोजित की गई।
संगोष्ठी में केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारामन, डॉ. मुलानी इंद्रावती, वित्त मंत्री, इंडोनेशिया गणराज्य, रॉबर्टो डी ओलिवेरा कैंपोस नेटो, गवर्नर, सेंट्रल बैंक ऑफ ब्राजील, क्रिस्टालिना जॉर्जीवा, प्रबंध निदेशक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और अगस्टिन कारस्टेंस, महाप्रबंधक, बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स ने भाग लिया। जिसमें समावेशी विकास और कुशल शासन के लिए डीपीआई विषय पर चर्चा हुई।
संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए, अजय सेठ, सचिव, आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा कि कैसे डिजिटल नवाचार अंतर को समाप्त करने वाले माध्यम और विकास के समर्थक के रूप में उभरा है और भारत सहित विभिन्न देशों के अनुभवों से स्पष्ट है कि डीपीआई सर्वाधिक परिवर्तनकारी डिजिटल नवाचारों में से एक है।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के पूर्व अध्यक्ष, श्री नंदन नीलेकणि ने डीपीआई की भूमिकाओं तथा उदाहरणों को स्पष्ट किया और कहा कि डीपीआई का उपयोग करके सामाजिक और सेवा प्रदान करने संबंधी समस्याओं को हल करने के लिए एक नया दृष्टिकोण विकसित करने से जुड़ी भारत की सफलता की कहानी सामने आयी, जिससे सरकारों के लिए धन की बचत हुई एवं वित्त और नवाचारों तक पहुंच के प्रोत्साहन से पारदर्शिता और जवाबदेही में वृद्धि हुई।
भारत की जी-20 अध्यक्षता के माध्यम से समावेशी विकास और प्रगति के लिए डीपीआई का लाभ उठाने को एक प्रमुख प्राथमिकता के रूप में आगे बढ़ाया जा रहा है। संगोष्ठी में परिचर्चाओं ने अभिवाव, सहनीय और समावेशी विकास के लिए कुशल शासन के एक साधन के रूप में डीपीआई की क्षमता पर प्रकाश डाला।
इस प्राथमिकता के तहत काम में तेजी लाने के लिए, भारत की जी-20 अध्यक्षता द्वारा आर्थिक परिवर्तन, वित्तीय समावेश और विकास के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना पर एक टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है। टास्क फोर्स की सह-अध्यक्षता भारत के जी-20 शेरपा ,अमिताभ कांत और नीलेकणी द्वारा की जाती है और इसका गठन भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान कार्य मार्गदर्शन के लिए किया गया है।