देहरादून 23 सितंबर 2022,
मुम्बई: अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने पिछले दिनों ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी और अंदेशा जताया था कि भारतीय रुपया डालर के मुकाबले 81 रुपए पंहुच सकता है। तब से डालर के मुकाबले रुपए में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। अमेरिकी डॉलर में मजबूती के बीच निवेशक जोखिम उठाने से बच रहे हैं जिसके चलते शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 44 पैसे की गिरावट के साथ पहली बार अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 81 के स्तर को पार कर गया और 81.23 के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंचा। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 10 साल के शासन में रुपया लगभग 13 रुपए गिरा तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन काल 8 साल में लगभग 23 रुपए की गिरावट तक पहुंच गया है।
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि, मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ इंग्लैंड के ब्याज दरों में वृद्धि करने अन्य करेंसी के साथ भारतीय करेंसी भी प्रभावित हुई है। यूक्रेन में भूराजनीतिक तनाव बढ़ने की वजह से निवेशक जोखिम उठाने से बच रहे हैं। इसके अलावा विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती, घरेलू शेयर बाजार में गिरावट भी रुपए को प्रभावित कर रहे हैं।