देहरादून 18 दिसंबर 2022,
उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर से हुई तदर्थ नियुक्तियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भाजपा और कांग्रेस में वार पलटवार शुरू हो गया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस पार्टी को चुनौती देते हुए कहा कि, भाजपा ने नैतिक साहस दिखाते हुए विस मे भर्ती प्रकरण की जाँच कर नियुक्तियाँ रद्द की और अब कांग्रेस की बारी है की वह मिशाल कायम करे।
प्रदेश मुख्यालय मे पत्रकारों से बातचीत के दौरान महेंद्र भट्ट ने कहा कि नैतिकता की शुरुआत स्वयं से होती है, लिहाजा कॉंग्रेस को सबसे पहले अपनी पार्टी के पूर्व विधानसभा अध्यक्षों पर अवैध नियुक्तियों को लेकर कार्यवाही करनी चाहिए। अब चाहे वह गोविंद सिंह कुंजवाल हों या सदन में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य जिन्हे कैबिनेट मंत्री के अधिकार भी प्राप्त है। श्री भट्ट ने कहा हमने बिना अपने पराए का भेद कर 2016 के बाद की सभी तदर्थ नियुक्तियों को रद्द किया है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगाई है।
वहीं कांग्रेस के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने प्रतिक्रिया व्यक्त कर भाजपा द्वारा नियुक्तियों को अवैध बताकर एक तरफा बर्खास्त करने की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं। श्री कुंजवाल ने कहा कि सवाल यह है कि तदर्थ नियुक्तियों के मामले में बेरोजगारों की कमी है, जिन्हें बर्खास्त किया गया, या फिर जो नियुक्त करता है उसकी कमी है। सिर्फ नियुक्ति को अवैध तरीके से बताया गया है, तो नियुक्ति करवाने वालों पर कार्रवाई क्यूं नहीं की। हमने नियुक्ति का आदेश दिया। कुंजवाल ने कहा कि गलती कानूनी रूप से हमारी भी मानी जानी चाहिए थी। अगर हम अपराधी हैं तो जेल जाने को भी तैयार हैं। जो सजा मिलती है वह भुगतने को तैयार हैं। जिस गलती की सजा बेरोजगार भुगत रहे हैं, उनमें बेरोजगारों की कोई गलती नहीं हैं। क्यूंकि वह खुद भर्ती नहीं हुए हैं, उन्हें किसी ने भर्ती किया है। तो भर्ती करने वालों पर क्यूं विधानसभा ने कार्रवाई नहीं की यह सवाल उठने चाहिए।