देहरादून 02 जुलाई 2022,
नईदिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने केन्द्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि नोटबन्दी सरकार का पहला तुगलकी फरमान था जबकि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दूसरा। दोनों नीतियों ने देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है।
मीडिया को संबोधित करते हुए पूर्व वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि जीएसटी अपना पांचवां जन्मदिन मना रहा है, लेकिन वास्तव में जश्न मनाने के लिए कुछ भी नहीं है। जीएसटी में गंभीर “जन्म दोष” थे। पिछले पांच वर्षों में ये खामियां और भी बदतर हो गई हैं और जीएसटी से प्रभावित सभी लोग आर्थिक रूप से कमजोर हो गए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस यह बिल्कुल स्पष्ट करना चाहती है कि आज जो तथाकथित जीएसटी लागू है, वह यूपीए सरकार द्वारा परिकल्पित जीएसटी नहीं था। जहां तक कांग्रेस पार्टी का सवाल है, हम मौजूदा जीएसटी को खारिज करते हैं और 2019 के चुनाव घोषणापत्र में किए गए वादे के मुताबिक, हम मौजूदा जीएसटी को जीएसटी 2.0 से बदलने की दिशा में काम करेंगे जो सिंगल, लो-रेट होगा।
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि आज वर्तमान में हमारे पास जो जीएसटी है वह कई दरों, शर्तों, अपवादों और छूटों का एक जटिल जाल है जो एक जानकार करदाता को भी पूरी तरह से हतप्रभ कर देगा। सभी पंजीकृत डीलर सूचित करदाता नहीं हैं; नतीजतन, वे कर-संग्राहक की दया पर हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की त्रुटिपूर्ण जीएसटी ने मध्यम,लघु और सूक्ष्म उधोगों का बड़े पैमाने पर विनाश किया है, एक ऐसा क्षेत्र जो विनिर्माण क्षेत्र में 90 प्रतिशत तक नौकरियों का योगदान देता है। केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए जीएसटी का सबसे बुरा परिणाम केंद्र और राज्यों के बीच विश्वास का पूर्ण रूप से टूटना रहा है।