देहरादून 22 अगस्त 2022,
दिल्ली: किसान संगठनों द्वारा 22 अगस्त को जंतर मंतर में महापंचायत करने का आह्वान किया गया था। पुलिस द्वारा कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए जाने के बावजूद विभिन्न राज्यों के सैकड़ों किसान जंतर-मंतर पर पहुंचने में सफल हो गए और केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान कुछ किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
दिल्ली से लगती उत्तर प्रदेश और हरियाणा की सीमाओं पर बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शन कारी किसानों को रोका गया। प्रदर्शनकारी किसानो की बढ़ती संख्या को देखते हुए सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सहित सभी सीमाओं पर अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया। कुछ किसानों को हिरासत में लिया गया और बसों में ले जाया गया।
रेलवे ट्रैक, बस स्टेशनों और मेट्रो स्टेशनों पर भी पुलिस बलों की भारी तैनाती देखी गई थी।
किसान संगठनों के संयुक्त मांग पत्र में , लखीमपुर खीरी नरसंहार के पीड़ित किसान परिवारों को इंसाफ दिलाने, जेलों में बंद किसानों की रिहाई करने की मांग की गई है। लखीमपुर खीरी नरसंहार के दोषी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को गिरफ्तार करने, स्वामीनाथन आयोग के फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने, देश के सभी किसानों को कर्जमुक्त करने, बिजली बिल 2022 रद्द किया करने का मुद्दा भी मांग पत्र में उठाया गया।
इसके अलावा गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाये जाने, गन्ने की बकाया राशि का भुगतान तुरन्त करने, किसान आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए सभी मुकदमें वापस लेने, भारत- विश्व व्यापार संगठन में हुए, मुक्त व्यापार समझौतों को रद्द करने, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों के बकाया मुआवजे का भुगतान तुरन्त करने और अग्निपथ योजना वापस लिए जाने की मांग भी की गई ।