देहरादून 27 मार्च 2023,
सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि किसी खाते को ‘धोखाधड़ी’ के रूप में वर्गीकृत किए जाने से पहले उधार कर्ता का पक्ष सुना जाना चाहिए और अगर इस तरह की कार्रवाई की जाती है तो एक तर्कपूर्ण आदेश का पालन भी किया जाना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने तेलंगाना हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि धोखाधड़ी के रूप में खातों का वर्गीकरण उधारकर्ताओं के लिए नागरिक परिणामों में होता है और इसलिए ऐसे मामलों में उधारकर्ता के पक्ष को सुनवाई का अवसर जरूर देना चाहिए। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि कर्ज लेने वाले के खाते को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करने के फैसले का तार्किक तरीके से पालन किया जाना चाहिए।