देहरादून 16 दिसंबर 2021,
यूएसए: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अंतरिक्षयान पार्कर सोलर प्रोब ने पहली बार सूरज को स्पर्श किया है।प्रोब सूरज के उस वातावरण में प्रविष्ट हुआ जो कोरोना के नाम से जाना जाता है। नासा के वैज्ञानिकों ने अमेरिकी जियोफिजिकल यूनियन की बैठक के दौरान इस उपलब्धि की घोषणा की है।
अंतरिक्षयान पार्कर सोलर प्रोब वास्तव में अप्रैल महीने में सूरज के पास से अपनी 8वीं यात्रा के दौरान कोरोना से होते हुए गुजरा था। वैज्ञानिकों ने बताया कि प्रोब से मिले डेटा को पाने में कई महीने लग गए और फिर इसकी पुष्टि करने में कई महीने लग गए।
यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के जस्टिन कास्पर ने मीडिया को बताया कि पहला और सबसे नाटकीय समय वो रहा था जब हम पांच घंटे तक नीचे रहे थे. उन्होंने कहा कि पार्कर बहुत तेजी से गुजर रहा था और उस दौरान उसकी स्पीड 100 किमी प्रति सेकेंड थी. उन्होंने बताया कि कोरोना जितनी उम्मीद थी उससे ज्यादा धूल से भरा हुआ था. भविष्य के कोरोना के भ्रमण से वैज्ञानिकों को सौर हवाओं की उत्पति को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि आगे ये भी पता चलेगा कि कैसे यह गर्म होती है और अंतरिक्ष में कैसे बढ़ता है, क्योंकि सूरज के पास ठोस सतह नहीं होती है, इसलिए कोरोना वहां होता है जहां क्रिया होती है. इस चुंबकीय रूप से गहन क्षेत्र की करीब से खोज करने से वैज्ञानिकों को सौर विस्फोटों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिल सकती है जो यहां पृथ्वी पर जीवन में हस्तक्षेप कर सकते हैं।
प्राथमिक आंकड़ों से पता चलता है कि पार्कर अगस्त महीने में अपनी 9वीं यात्रा के दौरान कोरोना के अंदर प्रविष्ट हुआ था। लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी और अधिक विश्लेषण की आवश्यकता है। पार्कर ने पिछले महीने ही सूरज के नजदीक अपनी 10वीं यात्रा को पूरा किया है। पार्कर आगे लगातार सूरज के करीब आता रहेगा और साल 2025 में अपनी ग्रैंड फिनाले में कक्षा में प्रवेश करेगा।