पिरान कलियर हरिद्वार उत्तराखंड स्थित विश्व प्रसिद्ध दरगाह साबिर पाक के 753वें सालाना उर्स में बड़ा लंगर शुरू नहीं होने पर सूफी संतों ने दरगाह कार्यालय पहुंचकर प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया। क्षेत्रीय विधायक ने भी मौके पर पहुंचकर धरना-प्रदर्शन का समर्थन किया और लंगर की वर्षों पुरानी परंपरा को बहाल करने की मांग की।विधायक हाजी फुरकान अहमद के हस्तक्षेप के बाद प्रशासन ने बड़ा लंगर शुरू करा दिया है।
साबिर पाक के सालाना उर्स में इस बार सूफी संतों को दिए जाने वाले लंगर पर प्रशासन ने कोरोना के चलते प्रतिबंध लगा दिया था। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मोहम्मद अकरम और विधायक हाजी फुरकान अहमद ने डीएम को पत्र भेजकर हर साल की तरह बड़ा लंगर शुरू कराने की मांग की थी, लेकिन उर्स की सात तारीख को बड़ा लंगर नहीं बंटा तो सज्जादानशीन परिवार के शाह यावर एजाज के नेतृत्व में सूफी संत और बाबा दरगाह कार्यालय पहुंचे।
उन्होंने दरगाह प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। साथ ही ज्वाइंट मजिस्ट्रेट और वक्फ बोर्ड के सीईओ को मौके पर बुलाकर लंगर की वर्षों पुरानी परंपरा बहाल कराने की मांग की। विधायक हाजी फुरकान अहमद ने भी मौके पर पहुंचकर धरने का समर्थन किया। उनका कहना था कि प्रशासन यहां उर्स की रस्मों के विपरीत कार्य कर रहा है, जिसे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे।
उर्स पर लंगर की व्यवस्था वर्षों से चली आ रही है, जिसको प्रशासन कोविड कारणों से बंद करना चाहता है। उन्होंने कहा कि इस साल भी बड़ा लंगर शुरू होना चाहिए। धरने की सूचना मिलते ही एएसडीएम विजय नाथ शुक्ला पहुंचे और विधायक से वार्ता की। साथ ही लंगर चालू कराया। उन्होंने बताया कि कुछ गलतफहमी हो गई थी, जिसे दूर कर दिया गया है। विधायक ने कहा कि प्रशासन ने अब बड़ा लंगर चालू करा दिया है। इस दौरान गाजी मियां, नाजिम त्यागी, इसरार शरीफ, जगपाल सिंह, सूफी राशिद और प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार सुरेश पाल, कानूनगो वेदपाल सैनी, लेखपाल अनुज यादव मौजूद रहे।
प्रशासन ने उर्स 2021 पिरान कलियर आने वाले जायरीनों की संख्या पर पाबंदी हटा दिया है, लेकिन रजिस्ट्रेशन और आरटीपीसीआर रिपोर्ट जरूरी आवश्यक है।