देहरादून 19 नवंबर 2021 ,
भारतीय जनता पार्टी नेता व पूर्व दर्जा धारी विवेकानंद खंडूरी ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेजों की संबद्धता समाप्त करने संबंधी केंद्र के आदेश को निरस्त करने के निर्णय को न्याय की जीत बताया है।
उत्तराखंड न्यायालय के मुख्य न्यायधीश आर एस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने अनेक याचिकाओं पर सुनवाई करने के पश्चात केंद्र के 5 जून 2021 के आदेश को निरस्त करते हुए उत्तराखंड राज्य सरकार को आदेश दिया है कि 2 माह के भीतर वह तय करें कि, हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों को राज्य सरकार अनुदान देगी या केंद्र सरकार। जब तक दोनों सरकारें तय नहीं करती है तब तक उत्तराखंड राज्य सरकार अनुदान वहन करेगी।
विवेकानंद खंडूरी ने उत्तराखंड उच्च शिक्षा द्वारा अट्ठारह अशासकीय महाविद्यालयों को हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय से असम्बध्द कराने और राज्य स्तरीय श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से संबंध कराने के निर्णय को असंवैधानिक बताया था। राज्य सरकार के इस निर्णय को वापस कराने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत और अब वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से विस्तृत वार्ता की थी। इसके अतिरिक्त उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव ओमप्रकाश, शिक्षा सचिव आनंद वर्धन, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल के साथ मिलकर सरकार के इस असंवैधानिक निर्णय को वापिस कराने के लिए प्रयासरत रहे हैं।