देहरादून 08 फरवरी 2022,
दिल्ली: प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा पत्रकारों के लिए नई प्रेस मान्यता नीति की घोषणा की गई है। नए प्रावधान के तहत भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा के खिलाफ काम करने वाले पत्रकारों की सरकारी मान्यता छीनने की घोषणा की है। प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा घोषित की गई नई मान्यता नीति को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने तैयार किया है।
प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा जारी की गई नई के अनुसार, भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों, सार्वजनिक व्यवस्था, शालीनता या नैतिकता या अदालत की अवमानना, मानहानि या अपराध के लिए उकसाने के संबंध में प्रतिकूल कार्य करने में संलिप्त पाया जाता है तो , पत्रकार की मान्यता छीन ली जायेगी।
2013 में जारी प्रेस मान्यता नीति में इस तरह के मानदंड का उल्लेख नहीं किया गया था। पिछली नीति में कहा गया था कि शर्तों का उल्लंघन करने पर इसे वापस ले लिया जाएगा। यदि मान्यता का दुरूपयोग पाया जाता है तो मान्यता वापस लिया या निलंबित किया जा सकता है।
इसके साथ ही गंभीर संज्ञेय अपराध की स्थिति में किसी पत्रकार की मान्यता वापस ली जा सकती है।
मान्यता के निलंबन की अन्य शर्तों में गैर-पत्रकारिता गतिविधियों के लिए इसका उपयोग करना शामिल है, जिसमें झूठी जानकारी प्रस्तुत करना शामिल है। यह एक पत्रकार को सोशल मीडिया, विजिटिंग कार्ड या लेटरहेड आदि पर भारत सरकार से मान्यता प्राप्त उल्लेख करने से भी रोकता है।
नई नीति के तहत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के साथ काम कर रहे पत्रकार भी मान्यता के लिए योग्य होंगे। नीति में कहा गया है कि ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म एक वर्ष से अधिक समय से मौजूद होना चाहिए। प्रति माह 10 से 50 लाख यूनिक विजिटर्स वाली वेबसाइट एक पत्रकार को मान्यता प्राप्त करा सकती है, जबकि प्रति माह 1 करोड़ से अधिक यूनिक विजिटर्स के साथ चार पत्रकारों को मान्यता मिल सकती है।
इस समय पीआईबी से मान्यता प्राप्त 2457 पत्रकार हैं। उल्लिखित संगठनों के साथ काम करने वाले पत्रकारों के अलावा, 15 से अधिक वर्षों के अनुभव वाले फ्रीलांसर, और 30 से अधिक वर्षों के अनुभव वाले अनुभवी पत्रकार, 65 वर्ष से अधिक उम्र के सार्वजनिक रूप से प्रतिष्ठित जीवन वाले पत्रकार भी पात्र हैं।