देहरादून 2 फरवरी 2023,
दिल्ली : हिंडनबर्ग शोध की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के शेयर में निरन्तर गिरावट का रुख है। गत दिवस अडानी समूह ने अपना एफपीओ पूरी तरह से सब्सक्राइब होने के बाद वापिस ले लिया है। निवेशकों की जमा राशि का भुगतान करेंगे। अडाणी समूह पर विभिन्न देशी व विदेशी बैंकों और वित्तीय संस्थाओं का 80 हजार करोड़ का कर्जा है। जो समूह के कुल कर्ज का 38 फीसदी है।
समूह की नाजुक वित्तीय स्थिति के दृष्टिगत भारतीय रिजर्व बैंक ने स्थानीय बैंकों से अडानी समूह की कंपनियों, सरकार और बैंकिंग स्रोतों में उनके जोखिम का विवरण मांगा है। रिजर्व बैंक ने सभी वित्तीय संस्थानों से जानकारी मांगी है कि उन्होंने अडानी समूह को किस क्षेत्र में और कितना कर्जा दिया है और अभी उसके कितने कर्ज की वापसी हो गई है।
अडानी समूह को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के तुरंत बात देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने रिस्पॉन्स दिया था। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि अडाणी समूह को दिया गया कर्ज भारतीय रिजर्व बैंक के एक्सपोजर फ्रेमवर्क से काफी कम है। हालांकि, एसबीआई ने समूह के लिए अपने जोखिम की राशि पर कोई टिप्पणी नहीं की।
भारतीय जीवन बीमा निगम ने बीते हफ्ते सोमवार को कहा कि अडाणी समूह के बॉन्ड और इक्विटी में उसके 36,474.78 करोड़ रुपये का निवेश है। निवेश राशि बीमा कंपनी के कुल निवेश का एक फीसदी के लगभग है। भारतीय जीवन बीमा निगम के अधीन समूह की कुल परिसंपत्ति सितंबर 2022 तक 41.66 लाख करोड़ रुपये से अधिक थी।
अडानी समूह के शेयर में गिरावट के चलते ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स की सूची में 15वें नम्बर पर आ गए हैं।