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मल्टीपल एंट्री, मल्टीपल एग्जिट नई शिक्षा नीति का एक विशेष अंग:केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह।

देहरादून 30 मार्च 2023,

उत्तराखंड: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज उत्तराखंड के हरिद्वार में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के 113वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश के केबिनेट मंत्री धनसिंह रावत, प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज, गुरुकुल कांगड़ी के कुलाधिपति डॉ. सत्यपाल सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

महर्षि श्रद्धानंद जी ने कांगड़ी की नींव डाली आज वो एक महान वटवृक्ष बनकर समग्र देश और दुनिया को महर्षि दयानंद का संदेश दे रहा है और हमारी पौराणिक शिक्षा पद्धति को जीवित रखते हुए राष्ट्र में गौरव के साथ विद्यमान है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी की शिक्षा पद्धति का महत्व देखकर ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, हमारे राष्ट्रपति रहे डॉ. राजेंद्र प्रसाद और महान शिक्षाविद् सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉ. श्यामा प्रसाद मुख़र्जी, मोरारजी भाई देसाई जैसे अनेक महानुभावों ने इस पुण्य भूमि पर अपने पैर रखे और इस शिक्षा व्यवस्था को बल देने का काम किया। उन्होंने कहा कि आज का दिन यहां से दीक्षित होकर जाने वाले बैच के लिए गर्व का विषय है क्योंकि यहबैच आजादी के अमृत महोत्सव और महर्षि स्वामी दयानंद के 200 वें जन्म वर्ष का बैच है। आजादी के अमृत महोत्सव के इस बैच मेंकुल 1800 विद्यार्थी शिक्षा की दीक्षा प्राप्त कर नए जीवन की शुरुआत करेंगे जिसमें 400 छात्राएं और 105 पीएचडी के छात्र शामिल हैं। श्री शाह ने गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को भी बधाई दी।

श्री शाह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी नई शिक्षा नीति लेकर आए हैं, इसमें महर्षि दयानंद जी की एक्सेसिबल शिक्षा की दृष्टि और श्रद्धानंद जी के वेद व विज्ञान की शिक्षा के समन्वय का संदेश है तो वहीं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के मातृभाषा में शिक्षा का संदेश और स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय के एजुकेशन फॉर ऑल का संदेश भी चरितार्थ होता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने नई शिक्षा नीति के अंदर मातृभाषा के महत्व को प्रस्तावित किया है। उन्होंने मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा देने व त्रिभाषा का सूत्र दिया है ताकि आने वाले दिनों में मातृभाषा से पढ़े हुए मेधावी छात्र समग्र देश और विश्व का कल्याण करें। श्री शाह ने कहा कि देश में 10 राज्यों के 20 इंजीनियरिंग कॉलेजों में हिंदी, तमिल, कन्‍नड़, तेलुगू, मराठी और बांग्ला में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू हो चुकी है,मध्य प्रदेश में मेडिकल साइंस शिक्षा की हिंदी भाषा मेंशुरुआत हो चुकी है। उन्होने कहा कि देश में मोदी सरकार ने ऐसी व्यवस्था शुरू की है कि अब जेईई, नीट जैसी कई परीक्षाओं को मातृभाषा में दिया जा सकेगा और विद्यार्थी इसके माध्यम से उत्तीर्ण होकर देश के विकास में योगदान दे सकेंगे।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति को स्ट्रीमलैस और क्‍लासलैस बनाया गया है। अब साइंस के विद्यार्थियों को भी देश का इतिहास पढ़ने और आर्ट के विद्यार्थियों को विज्ञान पढ़ने का मौका मिलेगा, जिससे किसी भी बच्चे को अपने आंतरिक क्षमता को बाहर निकालने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि मल्टीपल एंट्री, मल्टीपल एग्जिट नई शिक्षा नीति का एक विशेष अंग है जिसके तहत एक साल की पढ़ाई करने पर सर्टिफिकेट, दो साल की पढ़ाई करने पर डिप्लोमा, तीन साल की पढ़ाई करने पर डिग्री और चार साल की पढ़ाई करने पर रिसर्च का प्रावधान है। हर स्तर पर बच्चा एग्जिट व एंट्री कर सकता है। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी जी द्वारा यह व्यवस्था इसलिए की गयी है ताकि हमारे युवाओं को एक ऐसा प्लेटफार्म मिले जिस पर खड़े होकर वे समग्र विश्व के युवाओं के साथ स्पर्धा कर सकें और पूरे में विश्व मां भारती का यशोगान हो।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा आईआईट, आईआईएम, एम्स, मेडिकल कॉलेज, विश्वविद्यालय और अन्य कॉलेजों की संख्या में बहुत बड़ी बढ़ोतरी की गयी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने भारत और भारतीयता दोनों के गौरव को विश्वभर में बुलंद करने का काम किया है। देश की सुरक्षा से जुड़े ढेर सारे ऐसे मुद्दे थे जो लगते थे कि कभी भी हल नहीं हो सकते, उन्हें प्रधानमंत्री जी ने चुटकी बजाकर हल किया है।

उन्होंने कहा कि,प्रधानमंत्री मोदी जी ने हर क्षेत्र में देश के गौरव को बढ़ाने का काम किया है, चाहे वह धारा 370 हटाना हो, देश को सुरक्षित करना हो, देश को 11वें नंबर की इकोनॉमी से पांचवें नंबर की इकोनॉमी बनाना हो या देश की सीमाओं को सुरक्षित करना हो या आए दिन आतंकवादी हमले करने वाले पड़ोसी देश को सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करके सबक सिखाना हो। श्री

 

 

 

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