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महिला थाना व महिला हेल्पडेस्को के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन।

देहरादून 17 जनवरी 2023,

उत्तराखंड राज्य महिला आयोग एवं राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा महिला थाना व महिला हेल्पडेस्को की कार्यकुशलता एवं प्रभावशीलता के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि ऋतु खंडूरी विधानसभा अध्यक्ष उत्तराखंड, राधा रतूड़ी अपर मुख्य सचिव, अशोक कुमार पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड द्वारा कुसुम कंडवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर गया।

कार्यशाला में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रतिभाग किया। उन्होंने राज्य महिला आयोग द्वारा प्रदेश में संचालित महिला थानों व हेल्प डेस्को की कार्यकुशलता एवं प्रभावशीलता को लेकर इस प्रकार के सेमिनार का आयोजन करके सराहनीय कार्य किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा एवं महिला अधिकारों के प्रति सजग एवं संवेदनशील है।

उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने उपस्थित सभी प्रतिभागियों को कहा कि हमारी सबकी जिम्मेदारी है कि महिलाओं व पीड़िताओं को न्याय मिलें इसके लिए हमे मिलकर कार्य करना है । हमें इस कार्यशाला में महिला थानों व महिला हेल्पडेस्कों की कार्यशैली पर मंथन करना है ताकि हम समाज की आधी आबादी को हर संभव मदद कर सकें। वहीं उन्होंने कहा कि हम सबकी यह जिम्मेदारी भी है कि यदि पुलिस के पास कोई भी पीड़िता या कोई भी महिला कोई शिकायत या एप्लिकेशन लेकर आयी है तो उससे अच्छा व्यवहार करते हुए उसकी एप्लिकेशन को स्वीकार करें व मामले में जांच करें। ताकि महिला को न्याय के लिए दर दर ना भटकना पड़े। पुलिस की जिम्मेदारी बनती है कि पीड़ित महिला को सहयोग करें।

वही कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने विधि की जानकारी देते हुए कहा कि आज हमारा संविधान सबको बराबरी का अधिकार देता है। उन्होंने कहा कि लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाएं जब अत्यधिक प्रताड़ित हो जाती हैं तब वह अंत में थाने की और आती हैं यदि उन्हें वहां भी न्याय ना मिले तो यह उचित नहीं होगा। महिलाओं को कार्य कुशल बनना चाहिए। जो कि हमारा आर्थिकी को मजबूत करेगी।

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि साल भर में महिलओं से सम्बन्धित केवल 3000 के लगभग एफआईआर हैं। और दोनों महिला थानों में साल में कुल 11 एफआईआर है। उन्होंने कहा की यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि हर थाने को महिला फ्रेंडली बनाना है। जिसके लिए हमने प्रत्येक थाने में 1 महिला एसआई व 4 महिला कांस्टेबल को तैनात किया व महिला हेल्पडेस्क बनाया है।

कार्यशाला की मुख्य अतिथि ऋतु खण्डूड़ी ने लिंग के आधार पर महिलाओं के साथ हो रहे व्यवहार को बहुत ही गलत बताते हुए कहा कि वर्तमान समय महिलाओं का है। आज आवश्यकता महिलाओं को ताकत देने की है। आज महिलाएं प्रदेश व देश को चलाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस के पास अधिक काम का दवाब भी रहता है इस लिए काफी बार पुलिस का व्यवहार थोड़ा चिड़चिड़ा हो जाता है जिसको हमें सुधारने की आवश्यकता है। हमे बैलेंस बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस में महिलाओं की सहभागिता केवल 10 प्रतिशत के लगभग है जिसे हमें 33 प्रतिशत करने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर डीआईजी पी रेणुका,महिला आयोग की सचिव कामिनी गुप्ता, विधि अधिकारी दयाराम सिंह, एसएसपी देहरादून दिलीप कुँवर, महिला कल्याण से अंजना गुप्ता, मीना बिष्ट, एसपी सिटी सरिता डोभाल, पुलिस निरीक्षक ज्योति चौहान नेगी, संगीता नौटियाल आदि उपस्थित रहे।

 

 

 

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