देहरादून 8 अक्टूबर 2021,
लखीमपुर हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा शुक्रवार को पुलिस के सामने नहीं पेश हुआ। अब पुलिस ने नया नोटिस चस्पा कर उसे शनिवार सुबह 11 बजे तक का समय दिया है।
लखनऊ में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने कहा है, ‘जब पुलिस बुलाएगी तब आशीष पेश होंगे। मेरे बेटे को कल नोटिस मिला पर कल उनका स्वास्थ्य कुछ गड़बड़ था। उन्होंने स्वयं कहा कि मैं कल पेश होकर अपना कथन जांच एजेंसी के सामने दूंगा, वो निर्दोष हैं।’
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि उनके पद से इस्तीफा देने की मांग सिर्फ विपक्ष कर रहा है। विपक्ष का तो यही काम है। उन्हें कानून व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। ये भारतीय जनता पार्टी की सरकार है जो निष्पक्ष जांच करती है। जो भी जांच के दौरान दोषी पाया जाएगा, उसे सजा मिलेगी।
नोटिस में साफ तौर पर उनके ऊपर लगे आरोपों और धाराओं का जिक्र है। यह नोटिस क्राइम ब्रांच लखीमपुर खीरी के प्रभारी की तरफ से चस्पा किया गया है। जिसमें कहा गया है कि वह कल 9 अक्टूबर सुबह 11:00 बजे तक पुलिस लाइन की क्राइम ब्रांच में उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराने करायें। ऐसा नही करने पर पुलिस आगे उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई को अमल में लाएगी।
आशीष के क्राइम ब्रांच के सामने पेश ना होने पर अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह नेपाल भाग गया है। हालांकि, आशीष के बड़े भाई अमित ने कहा कि वह कहीं भागा नहीं है। उसे वायरल फीवर है। उन्होंने कहा कि दो दिन से आशीष से कॉन्टैक्ट नहीं हो पाया है। उन्होंने आगे कहा कि लखीमपुर हिंसा मामले में आशीष या परिवार के किसी अन्य सदस्य के खिलाफ एक भी सबूत नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में शुक्रवार को यूपी सरकार से कहा कि आरोपियों को गिरफ्तार ना करने को लेकर आप क्या संदेश दे रहे हैं। वहीं, कोर्ट ने मामले को लेकर प्रदेश सरकार से यह भी कहा कि क्या आप देश में हत्या के अन्य मामलों में भी आरोपियों के साथ ऐसा ही व्यवहार करते हैं?
आशीष मिश्रा के खिलाफ बहराइच जिले निवासी जगजीत सिंह ने एफआईआर दर्ज कराई है। आशीष के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149 (दंगों से संबंधित), 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना), 338 (किसी शख्स को चोट पहुंचाना जिससे उसकी जान को खतरा हो), 304-ए लापरवाही से मौत, 302 हत्या और 120 बी आपराधिक साजिश रचना के तहत केस दर्ज हुआ है।
लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में हुई हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। आरोप हैं कि इन किसानों को वाहन से टक्कर मारी गयी थी।किसानों ने दावा किया था कि आशीष मिश्रा काफिले के किसी वाहन में सवार थे । आशीष और उनके पिता अजय मिश्रा ने इन आरोपों से इनकार किया था। पुलिस ने मंत्री के बेटे और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच के लिए उप महानिरीक्षक उपेंद्र अग्रवाल की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय टीम का गठन किया था।