देहरादून 23 मई 2022,
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि13 मई से 21 मई तक, 12 देशों में मंकीपॉक्स के 92 मामलों की लैब में जांच के दौरान पुष्टि हुई है। ये सभी मामले ऐसे 12 सदस्य देशों के हैं जहां अभी तक मंकीपॉक्स के मामले सामने नहीं आते थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आंकड़ों के आधार पर मंकीपॉक्स के मामलों के बढ़ने की उम्मीद जताई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि उन देशों को ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। जिन्हें मंकीपॉक्स के संक्रमण का सबसे अधिक खतरा हो सकता है ताकि आगे प्रसार को रोका जा सके।
मंकीपॉक्स संक्रमण के मामले पहले केवल मध्य और पश्चिम अफ्रीका में सामने आए हैं, लेकिन अब ब्रिटेन, स्पेन, पुर्तगाल, इटली, अमेरिका, स्वीडन और कनाडा में भी सामने आ रहे हैं। इनमें से अधिकांश रोगी युवा हैं और उनका अफ्रीका की यात्रा करने का कोई इतिहास नहीं है। फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम और ऑस्ट्रेलिया में भी मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं। मंकीपॉक्स के लिए जिम्मेदार वायरस बंदरों और अन्य जंगलीमंकीपॉक्स संक्रमण के मामले बुखार, शरीर में दर्द, ठंड लगना और थकान जैसे लक्षण सामने आए हैं। गंभीर मामलों में, मरीजों के चेहरे, हाथों और शरीर के अन्य हिस्सों पर धब्बे और चकत्ते भी दिखाई दे सकते हैं। मंकीपॉक्स ऑर्थोपॉक्स वायरस के कारण होता है, जो चेचक से संबंधित वायरस है। चेचक न केवल मनुष्यों को संक्रमित करता है, बल्कि मंकीपॉक्स एक पशु वायरस है जो बंदरों या अन्य जानवरों द्वारा काटे जाने या खुजली करने पर मनुष्यों को संक्रमित कर सकता है। यह एक श्वसन वायरस है और बिना संपर्क के मनुष्यों में फैलता है। हालांकि, यह आमतौर पर मनुष्यों के बीच आसानी से नहीं फैलता है और केवल निकट संपर्क के मामले में होता है। अध्ययन में पाया गया कि मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लगभग तीन प्रतिशत लोग ही संक्रमित हो पाते हैं।।