देहरादून 22 नवंबर 2021,
दिल्ली: संयुक्त संसदीय समिति ने पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल 2019 की मसौदा रिपोर्ट को बहुमत के साथ पारित कर दिया है। विधेयक को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा।
संयुक्त संसदीय समिति को बिल पर रिपोर्ट जमा करने के लिए दो सालों में पांच एक्सटेंशन मिले हैं। डाटा प्रोटेक्शन बिल को पहली बार 2019 में संसद में लाया गया था और उस समय इसे संयुक्त संसदीय समिति के पास जांच के लिए भेजा गया था। विधेयक का उद्देश्य यह विनियमित करना है कि विभिन्न कंपनियां और संगठन भारत के अंदर व्यक्तियों के डेटा का इस्तेमाल कैसे करते हैं।
विधेयक के 2019 के मसौदे में एक डेटा प्रोटेक्शन ऑथोरिटी के गठन का प्रस्ताव है, जो देश के भीतर सोशल मीडिया कंपनियों और अन्य संगठनों द्वारा उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत डेटा के उपयोग को नियंत्रित करेगा। उपयोगकर्ता डेटा को बनाए रखने वाली कंपनियों के लिए डेटा स्थानीयकरण मानदंड निर्धारित करने की भी उम्मीद है।