अर्थ जगत

सरकार ने खाद्य तेल और तिलहनों की भंडारण सीमा मात्रा 30 जून, 2022 तक बढ़ा दी है।

देहरादून 09 फरवरी 2022,

दिल्ली: देश में खाद्य तेलों की कीमतों में वृद्धि ,जमाखोरी, काला-बाजारी आदि अवैधानिक कृत्यों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार ने तीन फरवरी, 2022 को एक आदेश को अधिसूचित किया था। जिसके तहत खाद्य तेल और तिलहनों की भंडारण सीमा मात्रा 30 जून, 2022 तक बढ़ा दी गई है। इसका उद्देश्य है देश में खाद्य तेलों की कीमतें स्थिर करने के लिये सरकार द्वारा उठाये गये विभिन्न पहलों में तेजी आ सके।

सरकार द्वारा अधिसूचित किये गये भंडारण सीमा आदेश, केंद्र सरकार और सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को यह अधिकार देता है कि, वे खाद्य तेलों और तिलहनों के भंडारण तथा वितरण को नियमबद्ध कर सकें। इससे देश में खाद्य तेलों और तिलहनों की जमाखोरी रोकने के सरकारी प्रयासों को बल मिलेगा। सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने आठ फरवरी, 2022 को एक बैठक की, जिसमें तीन फरवरी, 2022 को जारी उपरोक्त आदेश को क्रियान्वित करने की योजना पर चर्चा की गई। बैठक के दौरान इस बात पर बल दिया गया कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारी बिना आपूर्ति श्रृंखला और वैधानिक कारोबार में अड़चन पैदा किये भंडारण सीमा मात्रा आदेश लागू कर सकते हैं।

खाद्य तेलों के सम्बंध में भंडारण सीमा निर्धारित कर दी गई है। भंडारण सीमा खुदरा व्यापारियों के लिये 30 कुंतल, थोक व्यापारियों के लिये 500 कुंतल, बड़े रिटेलरों की दुकानों की श्रृंखला के लिये 30 कुंतल और उनके डिपो के लिये 1000 कुंतल तय की गई है।

तिलहनों के सम्बंध में खुदरा व्यापारियों की भंडारण सीमा 100 कुंतल और थोक व्यापारियों के लिये 2000 कुंतल है। तिलहनों का प्रसंस्करण करने वालों के लिये उत्पादित खाद्य तेल का भंडारण 90 दिनों तक किया जा सकता है, जो प्रतिदिन के हिसाब से उत्पादन क्षमता पर निर्भर होगा। निर्यातकों और आयातकों को कुछ शर्तों के साथ इस आदेश के दायरे से बाहर रखा गया है।

बैठक में बताया गया कि यदि सम्बंधित वैधानिक प्रतिष्ठानों के पास भंडारण तय सीमा से अधिक भंडारण हो जाता है तो , उसकी जानकारी खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के पोर्टल portal (https:/evegoils.nic.in/eosp/login) पर घोषित करनी होगी। इसके अलावा यह घोषणा करने के बाद भंडारण सीमा को 30 दिनों के भीतर तय सीमा में लाना होगा। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को पोर्टल तक पहुंच बना दी गई है, ताकि वे प्रतिष्ठानों द्वारा घोषित भंडारण की निगरानी कर सकें। इसके साथ ही राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि वे पोर्टल के जरिये भंडारण सीमा की नियमित निगरानी करते रहें।

सरकार का मानना है कि, उपरोक्त उपाय से जमाखोरी, काला-बाजारी आदि अवैधानिक कृत्यों को रोका जा सकेगा तथा खाद्य तेलों की कीमतों में वृद्धि नहीं होगी। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य की भी जानकारी दी गई और यह भी बताया गया कि इससे भारतीय बाजार किस तरह प्रभावित होता है।

Related posts

बीएसई सेंसेक्स 1545.67 अंक,निफ्टी 468.05 अंक पर बंद हुआ है।

Dharmpal Singh Rawat

मुख्य सचिव ने ग्रामीण अवसंरचना विकास के प्रस्तावों को शीघ्र नाबार्ड को भेजने के दिए निर्देश।

Dharmpal Singh Rawat

भारत की विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 498.5 अरब डॉलर।

Dharmpal Singh Rawat

Leave a Comment