देहरादून 06 जनवरी 2022,
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि, एक राज्य का अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का व्यक्ति दूसरे अन्य राज्य में प्रवास के दौरान में रोजगार, शिक्षा या भूमि आवंटन में समान लाभ का हकदार नहीं हो सकता है।
न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने राजस्थान हाईकोर्ट के 2011 के आदेश के खिलाफ भादर राम की अपील को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा था कि एससी व्यक्ति से संबंधित जमीन बिक्री राजस्थान किरायेदारी अधिनियम, 1955 की धारा-42 का स्पष्ट रूप से उल्लंघन था। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अपीलकर्ता पंजाब के अनुसूचित जाति और स्थायी निवासी होने के नाते राजस्थान में भूमिहीन अनुसूचित जाति को आवंटित भूमि की खरीद में लाभ का दावा नहीं कर सकता।
अन्य अहम फैसला।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी मेडिकल सीटों के लिए नीट में प्रवेश के लिए अखिल भारतीय कोटा सीटों में ओबीसी के लिए 27% और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग श्रेणी के लिए 10% आरक्षण देने के केंद्र के फैसले से संबंधित याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रखा है।अदालत के समक्ष मामला लंबित होने के कारण नीट-पीजी काउंसलिंग रोक दी गई है।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने पक्षों से विचार के लिए अपनी लिखित दलीलें दाखिल करने को कहा। पीठ दो दिन से इस मामले की सुनवाई कर रही है।