देहरादून 17 मई 2022,
उत्तराखंड: श्री केदारनाथ धाम में सम्पादित हो रही पूजा व्यवस्थाओं को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के सम्बन्ध में श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजेय ने जानकारी देते हुए बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल कथित वीडियो वर्ष 2020 का है, जब कोविड-19 का प्रभाव चरम पर था।
श्री अजेंद्र अजय ने कहा कि वर्ष 2020 में पूजा/दर्शन आदि हेतु एसओपी शासन द्वारा जारी की गयी थी, जिसके अनुपालन में किसी भी प्रकार से मन्दिरों में जलाभिषेक, पूजाएं करना, प्रसाद चढाना, टीका आदि लगाना प्रतिबन्धित था। इसी एसओपी के तहत धाम में आने वाले यात्रियों को दर्शन की अनुमति थी।
मंदिर समिति अध्यक्ष ने कहा कि,परम्परानुसार श्री केदारनाथ के कपाट प्रातः काल में खुलने एवं सायं काल में कपाट बन्द होने का समय निश्चित है। सामान्यतः प्रातः काल में मन्दिर खुलने के बाद सभी श्रद्वालुओं को दर्शन (धर्म-दर्शन) उपलब्ध कराये जाते हैं, जिसमें किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है।
“महाभिषेक, रूद्राभिषेक, इत्यादि पूजाएं पूजा सम्पादित करवाना बाध्यकारी नहीं होती हैं, जो श्रद्धालु स्वेच्छा से पूजा, अर्चना एवं पाठ सम्पादित करवाना चाहते हैं, उन्हें ही प्राथमिकता दी जाती है, जिसका सम्पादन मन्दिर समिति के आचार्य एवं वेदपाठीगण करते है।
अजेन्द्र अजेय ने बताया कि,पूजा की उक्त व्यवस्था वर्ष 1939 श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के गठन से चली आ रही है, वरन् इससे पूर्व जब रावल व्यवस्था कायम थी तब से यह परम्परा/व्यवस्था चली आ रही है। श्रद्धालुओं द्वारा स्वेच्छा से धनराशि दान पात्रों में धनराशि अर्पित की जाती है।