अंतरराष्ट्रीय समाचार

हिडेनबर्ग- अडानी मुद्दा: केंद्रीय मंत्री जयशंकर और स्मृति ईरानी की कड़ी प्रतिक्रिया।

देहरादून 18 फरवरी 2023,

दिल्ली: अमेरिकी कंपनी हिडन बर्ग तथा अदानी समूह के मुद्दे पर जॉर्ज सोरस के बयानों पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और केंद्रीय मंत्री जयशंकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। स्मृति ईरानी ने कहा है कि विदेशी जमीन से भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को चोट पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। जॉर्ज सोरेस ने भारत के लोकतंत्र में हस्तक्षेप की कोशिश की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर प्रश्न चिन्ह लगाया है। ऐसे में देश की जनता को इस विदेशी ताकत को माकूल जवाब देना चाहिए।

वही मंत्री जयशंकर ने भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि , जब मैं अपने लोकतंत्र को देखता हूं, तो मैंने आज एक मतदान किया है, जो अभूतपूर्व है, चुनावी परिणाम जो निर्णायक हैं, चुनावी प्रक्रिया जिस पर सवाल नहीं उठाया जाता है। हम उन देशों में से नहीं हैं जहां चुनाव के पश्चात् कोई कोर्ट में मध्यस्थता करने जाता है।उन्होंने जॉर्ज सोरोस पर व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए कहा कि , सोरोस न्यूयॉर्क में बैठे एक बूढ़े, अपने विचारों को रखने वाले शख्स हैं। जो अभी भी सोचते हैं कि उनके विचार ही तय करेंगे कि पूरी दुनिया कैसे काम करे। ऐसे लोग वास्तव में कहानियां बनाने में अपने संसाधन लगाते हैं। उनके जैसे लोगों को लगता है कि चुनाव अच्छा है यदि वे जिस व्यक्ति को देखना चाहते हैं वह जीत जाता है तथा यदि चुनाव का नतीजा कुछ और निकलता है तो वे कहेंगे कि यह एक खराब लोकतंत्र है तथा सुंदरता यह है कि यह सब कुछ खुले समाज की वकालत के बहाने किया जाता है।

अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरेस ने हिडेनबर्ग- अडानी मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा कि , नरेन्द्र मोदी इस मुद्दे पर शांत हैं, लेकिन उन्हें विदेशी निवेशकों और संसद में सवालों के जवाब देने होंगे।

म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में जॉर्ज सोरेस ने कहा कि, यह भारत की संघीय सरकार पर मोदी की पकड़ को काफी कमजोर कर देगा और बहुत जरूरी संस्थागत सुधारों को आगे बढ़ाने के दरवाजा खोल देगा। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि, मुझे आशा है कि भारत में एक लोकतांत्रिक परिवर्तन होगा।

इस चर्चित मुद्दे पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार अडानी के आगे सरेंडर हो गई हैं। देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब किसी प्रधानमंत्री पर नियमों के विपरीत किसी को अनुचित लाभ देने के लिये संसद में गंभीर आरोप लगे और प्रधानमंत्री उन आरोपों का खंडन तक नहीं करें। कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकार वार्ता में अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव देने के दौरान अडानी को लेकर जो प्रश्न पूछे थे, उन्हें संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि हिंडन वर्ग की रिपोर्ट के बाद जिस प्रकार देश की अर्थव्यवस्था पर प्रहार हुआ है, वह बहुत ही चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति जो 2014 में अमीरी के 609 पायदान पर था वह सात साल में कैसे अमीरी के नंबर दो पर आकर दो नंबरी बन गया। अखिलेश प्रताप ने कहा कि, विदेशों से अडानी को हुई फंडिंग और देश की कंपनियों की खरीद में उनकी फंडिंग की जांच जेपीसी से करवाने की मांग, देश में हो रहे इस भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों की आवाज बुलंद करेगी। उन्होंने कहा कि देश मे अगले साल होने वाले आम चुनावों में यह एक बहुत बड़ा मुद्दा होगा।

 

 

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