देहरादून 09 दिसंबर 2021,
दिल्ली: एक साल से ज्यादा समय से चल रहा किसान आंदोलन फिलहाल स्थगित हो चुका है. जानकारी के अनुसार, संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया है. 11 दिसबंर बॉर्डर से किसान हट जाएंगे. संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इसका ऐलान किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा संशोधित कृषि कानूनों को समाप्त करने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा और सरकार के बीच में निर्णायक समझौता होने की पूर्ण संभावना गई थी। केंद्र की ओर से दोबारा भेजे गए मसौदा प्रस्ताव पर किसानों ने अपनी सहमति जाहिर कर दी थी, उसी प्रस्ताव पर सरकार ने किसानों को लिखित में दे दिया है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया है। 11 दिसबंर तक बॉर्डर से किसान हट जाएंगे. संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस वार्ता करके इसकी जानकारी दी है।।
संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस वार्ता में कहा कि किसानों ने एक साल संघर्ष किया।हम बड़ी जीत लेकर जा रहे हैं।किसानों के बलिदान की जीत हुई. किसान आगे की रणनीति जल्द ही तैयार करेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि 13 दिसबंर को स्वर्ण मंदिर जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसानों के बलिदान की जीत हुई. किसान आगे की रणनीति जल्द ही तैयार करेंगे।
किसानों ने इस आन्दोलन को आजादी के बाद का सबसे बड़ा आन्दोलन माना है। इस आंदोलन के से किसानों की ताकत और हिम्मत बढ़ी है। किसान नेता किसान नेता बलवीर राजेवाल ने कहा कि हम सरकार को झुका कर आंदोलन को स्थगित कर रहे हैं। लेकिन 15 जनवरी को एसकेएम आगे की रणनीति के लिए बैठक करेगा। किसान आंदोलन के वापसी के बाद किसान घर वापसी करेंगे। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को फिलहाल स्थगित किया गया है और हर महीने एसकेएम आगेकी बैठक होगी. अगर सरकार दाएं-बाएं होती हैं तो फिर से आंदोलन करने का फैसला लिया जा सकता है।
जानकारी मिली है कि, देर शाम से बॉर्डर पर मौजूद किसान अपना सामान पैक करना शुरू कर देंगे। 10 दिसंबर को सभी किसान अपना सामान पैक करने के बाद 11 दिसंबर को एक साथ दिल्ली के बॉर्डर छोड़ना शुरू कर देंगे। दरअसल केंद्र की ओर से दोबारा भेजे गए मसौदा प्रस्ताव पर किसानों ने अपनी सहमति जाहिर कर दी थी। उसी प्रस्ताव पर सरकार ने किसानों को लिखित में दे दिया है।इस बीच, सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने टेंट हटाना शुरू कर दिया है ।