देहरादून 23 अगस्त 2023,
दिल्ली: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अपने वक्तव्य की शुरुआत, राष्ट्रपति रामाफोसा, राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा, राष्ट्रपति पुतिन, राष्ट्रपति शी को संबोधित करते हुए की। प्रधान मंत्री ने पन्द्रहवें ब्रिक्स समिट के भव्य आयोजन दक्षिण अफ्रीका में कराए जाने के लिए राष्ट्रपति रामाफोसा को बधाई दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का स्मरण करते हुए कहा कि, यहाँ से कुछ दूरी पर टॉलस्टॉय फार्म है, जिसका निर्माण महात्मा गाँधी ने 110 वर्ष पहले किया था। भारत, यूरेशिया और अफ्रीका के महान विचारों को जोड़ कर महात्मा गाँधी ने हमारी एकता और आपसी सौहार्द की मज़बूत नींव रखी थी। पिछले लगभग दो दशको में, ब्रिक्स ने एक बहुत ही लम्बी और शानदार यात्रा तय की है। जिसमें में हमने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। ब्रिक्स एजेंडा को एक नई दिशा देने के लिए भारत ने रेलवे रिसर्च नेटवर्क, एमएसएमई के बीच करीबी सहयोग, ऑनलाइन ब्रिक्स डेटाबेस, स्टार्टअप फोरम जैसे कुछ सुझाव रखे थे। इन विषयों पर उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
प्रधानमंत्री ने सहयोग को और व्यापक बनाने के लिए कुछ सुझाव दिए। पहला है – स्पेस के क्षेत्र में सहयोग। हम ब्रिक्स सैटेलाइट कोंस्टी-लेशन पर पहले से काम कर रहे हैं।एक कदम आगे बढ़ाते हुए, हम ब्रिक्स स्पेस एक्सप्लोरेशन बनाने पर विचार कर सकते हैं। दूसरा सुझाव है – शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट और टेक्नोलॉजी में सहयोग। ब्रिक्स को एक फ्यूचर रेडी ऑर्गेनाइजेशन बनाने के लिए हमें अपनी सोसाइटीज को भविष्य के लिए तैयार बनाना होगा। इसमें टेक्नोलॉजी की अहम भूमिका रहेगी। इस संदर्भ में, भारत में विकसित इन सभी प्लेटफॉर्म्स को ब्रिक्स पार्टनर्स के साथ साझा करने में हमें ख़ुशी होगी। तीसरा सुझाव है कि एक दूसरे की ताकतों की पहचान करने के लिए हम मिलकर स्किल मैपिंग कर सकते हैं। इसके माध्यम से हम विकास यात्रा में एक दूसरे के पूरक बन सकते हैं। चौथा सुझाव है , ब्रिक्स के पाँचों देशों में बड़ी संख्या में विभिन्न प्रजातियों के बिग कैट्स पाए जाते हैं। इंटरनेशनल बिग कैट एलियांस के अंतर्गत हम इनके संरक्षण के लिए साझा प्रयास कर सकते हैं। पाँचवाँ सुझाव है – हम सभी देशों में ट्रेडिशनल मेडिसिन का इकोसिस्टम है।क्षक्या हम मिलकर ट्रेडिशनल मेडिसिन की रिपॉजिटरी बना सकते हैं?
प्रधानमंत्री ने भारत में आयोजित होने वाले जी-20 सम्मेलन की चर्चा करते हुए बताया कि, भारत ने अपनी G-20 अध्यक्षता में इस विषय को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। “वन अर्थ वन फैमिली वन फ्यूचर” के मूलमंत्र पर हम सभी देशों के साथ मिलकर आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। इस वर्ष जनवरी में आयोजित वॉइस ऑफ़ ग्लोबल साउथ समिट में 125 देशों ने भाग लिया, और अपनी चिंताओं और प्राथमिकताओं को साझा किया। हमने अफ्रीकन यूनियन को G-20 की स्थायी सदस्यता देने का प्रस्ताव भी रखा है।
प्रधानमंत्री विश्वास व्यक्त किया है कि, सभी ब्रिक्स पार्टनर्स, जी-20 में भी साथ हैं। और सभी हमारे प्रस्ताव का समर्थन करेंगे। इन सभी प्रयासों को ब्रिक्स में भी विशेष स्थान दिए जाने से ग्लोबल साउथ के देशों का आत्मबल और बढ़ेगा। भारत ब्रिक्स की सदयस्ता में विस्तार का पूरा समर्थन करता है। और इसमें कांसेंस के साथ आगे बढ़ने का स्वागत करता है।