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2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन (वैकल्पिक ऊर्जा) प्राप्त करने की भारत की प्रतिबद्धता में योगदान करने के लिए हर एक उपभोक्ता अब हितधारक(स्टेक होल्डर) बन गया है।

देहरादून 07 जून 2022,

दिल्ली: केंद्रीय सरकार ने महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रमों में और अधिक तेजी लाने और सभी के लिए सस्ती, विश्वसनीय, टिकाऊ व हरित ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से हरित ऊर्जा खुली पहुंच नियम- 2022 को अधिसूचित किया है।

2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन (वैकल्पिक ऊर्जा) प्राप्त करने की भारत की प्रतिबद्धता में योगदान करने के लिए हर एक उपभोक्ता अब हितधारक(स्टेक होल्डर) बन गया है

इन नियमों को अपशिष्ट से ऊर्जा (वेस्ट-टू-एनर्जी) संयंत्रों से ऊर्जा सहित हरित ऊर्जा के उत्पादन, खरीद और खपत को बढ़ावा देने के लिए अधिसूचित किया गया है।

यह अधिसूचित नियम, हरित ऊर्जा की खुली पहुंच के लिए प्रक्रिया को सरल बनाते हैं। यह हरित खुली पहुंच (ओए), सार्वभौमिक बैंकिंग, वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं की नवीकरणीय ऊर्जा की स्वैच्छिक खरीद और खुली पहुंच शुल्कों की प्रयोज्यता आदि का तेजी से अनुमोदन सक्षम करेगा। वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को स्वैच्छिक रूप से हरित विद्युत खरीदने की अनुमति होगी।

कैप्टिव उपभोक्ता बिना किसी न्यूनतम सीमा के हरित खुली पहुंच के तहत विद्युत प्राप्त कर सकते हैं।

इसके अलावा डिस्कॉम उपभोक्ता उनसे हरित विद्युत की आपूर्ति की मांग कर सकते हैं।

इन नियमों की मुख्य विशेषताएं :-

1. किसी भी उपभोक्ता को हरित खुली पहुंच की अनुमति है। साथ ही, छोटे उपभोक्ताओं को भी खुली पहुंच के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा को खरीदने में सक्षम बनाने के लिए हरित ऊर्जा के लिए खुली पहुंच लेन-देन की सीमा 1 मेगावाट से घटाकर 100 किलोवाट कर दी गई है।

2. हरित ऊर्जा खुली पहुंच वाले उपभोक्ताओं पर लगाए जाने वाले ओपन एक्सेस शुल्क पर निश्चितता प्रदान की गई है। इनमें ट्रांसमिशन शुल्क, व्हीलिंग शुल्क, क्रॉस-सब्सिडी अधिभार और अतिरिक्त शुल्क शामिल हैं। क्रॉस-सब्सिडी उपकर बढ़ाने के साथ-साथ अतिरिक्त अधिभार को हटाने से न केवल उपभोक्ताओं को हरित ऊर्जा को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया, बल्कि उन मुद्दों पर भी बात की गई है, जिन्होंने भारत में खुली पहुंच के विकास में बाधा उत्पन्न की है।

3. खुली पहुंच के लिए आवेदन की स्वीकृति प्रक्रिया में पारदर्शिता अपनाई गई है। इसके तहत 15 दिनों के भीतर स्वीकृति प्रदान की जानी चाहिए, अन्यथा इसे तकनीकी जरूरतों को पूरा किए जाने के अधीन अनुमोदित माना जाएगा। यह एक राष्ट्रीय पोर्टल के जरिए होगा।

4. हरित टैरिफ का निर्धारण: हरित ऊर्जा के लिए टैरिफ संबंधित आयोग द्वारा अलग से निर्धारित किया जाएगा। इसमें नवीकरणीय ऊर्जा की औसत भंडारित विद्युत खरीद लागत और क्रॉस-सब्सिडी शुल्क, अगर कोई हो और उपभोक्ताओं को हरित ऊर्जा प्रदान करने के लिए वितरण लाइसेंसधारक की दूरदर्शी लागत को कवर करने वाले सेवा शुल्क शामिल किए जाएंगे।

5. यह नियम नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादकों के लिए नकदी प्रवाह की पूर्वानुमान में सुधार करने को लेकर समय पर अनुमोदन सहित खुली पहुंच प्रदान करने के लिए समग्र अनुमोदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में सहायता करेंगे। इसके अलावा यह आवेदन प्रक्रिया में एकरूपता भी लाएगा।

6. वितरण लाइसेंसधारक के साथ अधिशेष हरित ऊर्जा की बैंकिंग अनिवार्य है।

7. वितरण लाइसेंसधारकों के क्षेत्र में सभी बाध्य संस्थाओं पर एक समान नवीकरणीय खरीद का दायित्व होगा। इसने अपने आरपीओ को पूरा करने के लिए हरित हाइड्रोजन/हरित अमोनिया को भी शामिल किया है।

8. हरित ऊर्जा का उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को हरित प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जाएगा।

9. अगर हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया के उत्पादन के लिए हरित ऊर्जा का उपयोग किया जाता है तो क्रॉस सब्सिडी अधिभार और अतिरिक्त अधिभार लागू नहीं होगा।i

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