देहरादून 28 अप्रैल 2023,
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को निर्देश दिया है कि, सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश नफरती भाषण के मामले में बिना आरोपी का धर्म देखे तुरंत एफआईआर दर्ज करें। ताकि संविधान की प्रस्तावना के अनुरूप भारत के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप को सुरक्षित रखा जा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी तरह के नफरती भाषण में राज्यों की पुलिस किसी औपचारिक शिकायत का इंतजार नहीं करें और स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज करे। कोर्ट ने साफ किया कि इस तरह के मामलों में किसी भी तरह की कोताही को अदालत की अवमानना के रूप में देखा जाएगा। कोर्ट ने कहा कि जहां भी किसी तरह की नफरती भाषण दी जाती है, उस राज्य की पुलिस बिना किसी भेदभाव के स्वत: संज्ञान लेते हुए एफआईआर करेगी और आरोपियों के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें इस बारे में अपने अधिकारियों को निर्देश जारी करें।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले दिल्ली, उत्तराखंड और यूपी पुलिस को हेट स्पीच के मामलों में स्वयं संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था। लेकिन अब देश के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश, नफरती भाषण पर एफआईआर दर्ज कर सकें सकेंगे।