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वर्ष 1996 में दिल्ली के लाजपत नगर बम विस्फोटों के चारों दोषियों को आजीवन कारावास:सुप्रीम कोर्ट ने बदला फैसला।

देहरादून 06 जुलाई 2023,

दिल्ली: वर्ष 1996 में दिल्ली के लाजपत नगर में आंतकवादियों द्वारा किए गए सुनियोजित बम विस्फोट कांड में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बदलते हुए चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पूर्व में दिल्ली हाई कोर्ट ने इस कांड के संलिप्तों में से 2 दोषियों को बरी कर दिया था।सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की खण्डपीठ ने जहां अहम फैसला सुनाया है। इस आतंकवादी घटना में हुए बम विस्फोट में 12 लोगों की मौत और कई घायल हो गए थे।

दिल्ली हाईकोर्ट ने लाजपत नगर के बम विस्फोट के दो दोषियों मोहम्मद अली और मिर्जा निसार को भरी कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले मे उनकी आजीवन कारावास सजा को भी जारी रखा है। ऐसे में अब दोनों को तुरंत ही सरेंडर करने का आदेश दिया गया है।

स्मरणीय है कि, 21 मई 1996 की शाम को दिल्ली के लाजपत नगर के मार्केट में विस्फोट हुआ था। इसमें एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हुई थी, जबकि कई लोग घायल हुए थे। इस मामले की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद ए जम्मू-कश्मीर इस्लामिक फ्रंट जेकेएलएफ के आतंकियों को सजा सुनाई गई थी।

निचली अदालत में इस मामले में दोषी मोहम्मद नौशाद, जावेद खान, मोहम्मद अली और मिर्जा निसार हुसैन को फांसी की सजा मिली थी। बाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने वर्ष 2012 में मोहम्मद नौशाद, जावेद खान की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। जबकि पुलिस कीे जांच में कमी के कारण अन्य दो आरोपियों को बरी कर दिया गया था।

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