देहरादून 19 अगस्त 2023,
दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो संदेश के माध्यम से आज बेंगलुरू में आयोजित जी-20 डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्रियों की बैठक को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और उद्यमशीलता की भावना एवं डिजिटल अर्थव्यवस्था पर चर्चा करने के लिए बेंगलुरु शहर से बेहतर स्थल नहीं हो सकता। भारत का डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा वैश्विक चुनौतियों के लिए व्यवहार्य, सुरक्षित और समावेशी समाधान प्रदान करता है।
प्रधानमंत्री ने पिछले 9 वर्षों में भारत में हुए अभूतपूर्व डिजिटल परिवर्तन के लिए 2015 में डिजिटल इंडिया को श्रेय दिया। उन्होंने बताया कि भारत का डिजिटल परिवर्तन नवाचार में इसके अटूट विश्वास और त्वरित कार्यान्वयन के लिए इसकी प्रतिबद्धता और समावेश की भावना से प्रेरित है जिसमें कोई भी पीछे नहीं है।
प्रधानमंत्री ने भारत के 850 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की भी चर्चा की जो दुनिया में कुछ सबसे सस्ती डेटा लागतों का आनंद लेते हैं। श्री मोदी ने शासन को बदलने और इसे अधिक कुशल, समावेशी, तेज और पारदर्शी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने का उल्लेख किया और 1.3 बिलियन से अधिक लोगों को कवर करने वाले भारत के अद्वितीय डिजिटल पहचान मंच आधार का भी उदाहरण दिया। उन्होंने जेएएम ट्रिनिटी- जन धन बैंक खातों, आधार और मोबाइल का उल्लेख किया, जिनके माध्यम से वित्तीय समावेशन और यूपीआई भुगतान प्रणाली में क्रांति आ चुकी है, इन साधनों से हर महीने लगभग 10 बिलियन लेन-देन होते हैं, और वैश्विक वास्तविक समय भुगतान का 45 प्रतिशत भारत में होता है।
प्रधानमंत्री ने किसानों और छोटे व्यवसायों द्वारा डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने, वैश्विक डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम बनाने के लिए रूपरेखा स्थापित करने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सुरक्षित उपयोग के लिए एक प्रारूप विकसित करने का सुझाव दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देते हुए कहा कि मानवता के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित समाधानों का एक पूरा इकोसिस्टम तैयार किया जा सकता है।