दिल्ली, भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज नई दिल्ली में, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से आयोजित एक समारोह में स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार प्रदान किए। राष्ट्रपति ने इस मौके पर अपने संबोधन कहा कि, वृहद स्तर पर सामूहिक भागीदारी के साथ आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण, स्वच्छता के स्तर को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने ‘स्वच्छता से संपन्नता’ के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए सभी की सराहना की। राष्ट्रपति ने इस पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की कि स्वच्छता अभियान महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता के अवसर उत्पन्न कर रहे हैं। हमारे सफाई मित्र हमारे स्वच्छता अभियान के तहत अग्रिम मोर्चे के सैनिक रहे हैं। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि सफाई मित्रों की सुरक्षा, सम्मान और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि मशीनीकृत सफाई के माध्यम से मैनहोल को समाप्त करके और मशीन-होल के माध्यम से स्वच्छता के लक्ष्य को प्राप्त करके ही हम एक संवेदनशील समाज के रूप में अपनी सही पहचान बना पाएंगे।
राष्ट्रपति ने इस पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की कि स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण के तहत अपशिष्ट प्रबंधन में रिसाइकिलिंग पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक वस्तुओं के रिसाइकिलिंग और उनके फिर से उपयोग के तरीके टिकाऊ विकास के लिए सहायक हो रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ऐसी प्रणाली अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में भी बहुत उपयोगी होगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी लगभग एक-तिहाई जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में रहती है। शहरों और कस्बों की स्वच्छता उनके स्वास्थ्य व विकास के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि शहरी भूमि का एक बड़ा हिस्सा कूड़े के पहाड़ों के नीचे दबा हुआ है। उन्होंने कहा कि कूड़े के ऐसे पहाड़ शहरी लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक हैं। उन्होंने इस पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत ऐसे अवशिष्ट निपटान स्थलों को समाप्त किया जा रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी शहरी क्षेत्रों में प्रभावी कार्य किया जाएगा और ऐसे स्थलों को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य प्राप्त किया जाएगा। उन्होंने देश के सभी युवाओं से भारत को विश्व का सबसे स्वच्छ देश बनाने के बड़े लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया।