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The Union Cabinet took many important decisions under the chairmanship of Prime Minister Narendra Modi.

दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कई अहम फैसले लिए गए। मंत्रिमंडल ने महंगाई की भरपाई के लिए केंद्र सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते (डीए) और पेंशनभोगियों को महंगाई राहत (डीआर) की एक अतिरिक्त किस्त जारी करने की मंजूरी दे दी है, जिसे 1.1.2024 से प्रभावी माना जाएगा। इसके तहत मूल वेतन/पेंशन की 46 प्रतिशत की मौजूदा दर से 4 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है।‌महंगाई भत्ता और महंगाई राहत दोनों के कारण सरकारी खजाने पर संयुक्त प्रभाव 12,868.72 करोड़ रुपये प्रति वर्ष होगा।

इससे केंद्र सरकार के करीब 49.18 लाख कर्मचारियों और 67.95 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा।यह वृद्धि स्वीकृत फॉर्मूले के अनुरूप है, जो 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित है।

*केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर-पूर्व परिवर्तनकारी औद्योगीकरण योजना, 2024 (उन्नति – 2024) के लिए 10,037 करोड़ रुपये की कुल लागत पर 8 वर्षों के प्रतिबद्ध देनदारियों के साथ 10 साल की अवधि के लिए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग के प्रस्ताव को अधिसूचना जारी होने की तिथि से मंजूरी दे दी है।

*कैबिनेट ने 2024-25 सीजन के लिए कच्चे जूट के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी दी। 85 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है। पिछले 10 वर्षों के दौरान कच्चे जूट के एमएसपी में 122 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 2024-25 सीज़न के लिए कच्चे जूट के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को अपनी मंजूरी दे दी है।

कच्चे जूट (टीडीएन-3, पहले के टीडी-5 श्रेणी के बराबर) का एमएसपी 2024-25 सीजन के लिए 5,335 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इससे उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत पर 64.8 प्रतिशत का रिटर्न सुनिश्चित होगा। 2024-25 सीजन के लिए कच्चे जूट का घोषित एमएसपी सरकार द्वारा बजट 2018-19 में घोषित उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर एमएसपी निर्धारित करने के सिद्धांत के अनुरूप है। यह निर्णय कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों पर आधारित है।

2024-25 सीजन के लिए कच्चे जूट के लिए एमएसपी में पिछले सीजन की तुलना में 285 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है। पिछले 10 वर्षों के दौरान, सरकार ने 122 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए कच्चे जूट के लिए एमएसपी को 2014-15 में 2,400 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2024-25 में 5,335 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। वर्तमान सीजन 2023-24 में, सरकार ने 524.32 करोड़ रुपये की लागत से 6.24 लाख गांठ से अधिक कच्चे जूट की रिकॉर्ड मात्रा में खरीद की है, जिससे लगभग 1.65 लाख किसानों को लाभ हुआ है।

*कैबिनेट ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के उपभोक्ताओं को 300 रुपये की लक्षित सब्सिडी जारी रखने को मंजूरी दी।

10.27 करोड़ से अधिक पीएमयूवाई लाभार्थियों को सीधे उनके खातों में सब्सिडी मिलेगी वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कुल खर्च 12,000 करोड़ रुपये होगा

सरकार ने पीएमयूवाई उपभोक्ताओं के लिए मई 2022 में एक साल में 12 रिफिल तक प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर (और 5 किलोग्राम के कनेक्शनों के लिए उचित अनुपात में प्रो रेटेड) के लिए 200 रुपये की लक्षित सब्सिडी शुरू की। अक्टूबर 2023 में, सरकार ने एक साल में 12 रिफिल तक प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर (और 5 किलोग्राम के कनेक्शनों के लिए उचित अनुपात में प्रो रेटेड) पर लक्षित सब्सिडी बढ़ाकर 300 रुपये कर दी। 01.02.2024 तक, पीएमयूवाई उपभोक्ताओं के लिए घरेलू एलपीजी की प्रभावी कीमत 603 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम एलपीजी सिलेंडर (दिल्ली) है। पीएमयूवाई उपभोक्ताओं की औसत एलपीजी खपत 2019-20 में 3.01 रिफिल से 29 प्रतिशत बढ़कर 2023-24 के लिए आनुपातिक रूप से 3.87 रिफिल (जनवरी 2024 तक) हो गई है। सभी पीएमयूवाई लाभार्थी इस लक्षित सब्सिडी के पात्र हैं।

 

 

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