देहरादून के आईआरडीटी प्रेक्षागृह में उत्तराखंड पत्रकार महासंघ द्वारा “हिन्दी पत्रकारिता दिवस” पर वर्तमान परिपेक्ष में पत्रकारिता की चुनौतियां और समाधान विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। पांचजन्य के पूर्व सम्पादक और पूर्व राज्यसभा सदस्य तरूण विजय ने कहा कि जब तक प्राण है तब तक चुनौतियां है। निष्प्राण को चुनौती नहीं होती। पत्रकारिता के सामने चुनौती का अर्थ है कि उसमे प्राण है। उन्होंने कहा कि सत्य की आराधना करने वाले पत्रकार के लिए हमेशा चुनौती रही है। सत्ता के लिए लिखने वालों के लिए कोई चुनौती नही है लेकिन इन सबके बीच पत्रकारों को जनसंवेदनाओं के साथ जुडकर अपना दायित्व निभाना चाहिए। जनसंवेदनाओं के साथ जुडकर लिखने वालों की समाज में विश्वसनीयता है जो पत्रकारिता के लिए बहुत आवश्यक है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार और डीएवी महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डा देवेन्द्र भसीन, वरिष्ठ पत्रकार राम प्रताप मिश्र साकेती, रविन्द्र नाथ कौशिक मौजूद रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन राष्ट्रीय कवि और डीएवी कालेज में संस्कृत विभाग के अध्यक्ष डा राम विनय सिंह ने किया।
इस अवसर पर महासंघ द्वारा अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर और शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में महासंघ की नवनिर्वाचित देहरादून जनपद की कार्यकारिणी को शपथ भी ग्रहण करायी गयी। इसके अलावा पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पत्रकारों अनुपम त्रिवेदी, ज्योत्सना बौंठियाल, चन्द्र शेखर बुडाकोटी, केदार दत्त, राकेश खंडूडी, राजेश बहुगुणा, नरेश रोहिला, सुभाष कुमार पत्रकार गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।
इस मौके पर प्रदेश संगठन प्रभारी सुशील चमोली,नव नियुक्त जिलाध्यक्ष कैलाश सेमावल, जिला महासचिव कृपाल सिंह बिष्ट, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बीना उपाध्याय, प्रदेश कोषाध्यक्ष दीपक गुसाई, कार्यकारणी सदस्यों मे टीना वैश्य, इंदेश्वरी मामगईं, राजेंद्र सिंह सिरारी, विनीत गुप्ता, विपिन कुमार व अन्य सदस्यों मे जुझारू युवा पत्रकार अवधेश नौटियाल, आदि सदस्यों ने अपनी अहम भागीदारी दी।अन्त में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उत्तराखंड पत्रकार महासंघ के केन्द्रीय अध्यक्ष निशीथ सकलानी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
On the occasion of “Hindi Journalism Day”, a seminar was organized on the challenges and solutions of journalism in the present context.