देहरादून 02 नवंबर 2021
स्काटलैण्ड: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने IRIS Infrastructure for Resilient Island States (IRIS) ग्लासगो में लचीला द्वीप राज्यों के लिए बुनियादी ढांचे के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि, पिछले कुछ दशकों ने साबित कर दिया है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से कोई भी राष्ट्र अछूता नहीं है।चाहे वह विकसित राष्ट्र हों या प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध राष्ट्र। जलवायु परिवर्तन एक बहुत बड़ा खतरा है। भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो लघु द्वीप विकासशील राज्य के लिए एक विशेष डाटा विंडो बनाएगी। उपग्रह के माध्यम से चक्रवात, कोरल-रीफ मॉनिटरिंग, कोस्ट-लाइन मॉनिटरिंग आदि के बारे में समय पर जानकारी मिलती रहेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि छोटे द्वीप विकासशील राज्यों पर जलवायु परिवर्तन के खतरे का अनुमान लगाते हुए, भारत ने प्रशांत द्वीप समूह और कैरिकॉम देशों के साथ सहयोग के लिए विशेष व्यवस्था की. हमने उनके नागरिकों को सौर प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षित किया है और विकास के लिए निरंतर योगदान दिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि IRIS के माध्यम से सिड्स को technology, finance, जरूरी जानकारी तेजी से प्रसारित करने में आसानी होगी. Small Island States में क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रोत्साहन मिलने से वहां जीवन और आजीविका दोनों को लाभ मिलेग CDRI या IRIS सिर्फ एक इंफ्रास्ट्रक्चर की बात नहीं है, बल्कि ये मानव कल्याण के अत्यंत संवेदनशील दायित्व का हिस्सा है। ये मानव जाति के प्रति हम सभी की सामुहिक जिम्मेदारी है।