राजनीतिक

गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अब कोई आलोचना नहीं सुनना चाहता है और बोलने पर दरकिनार कर दिया जाता ।

देहरादून 05 दिसंबर 2021,

जम्मू-कश्मीर: कांग्रेस से बागी रुख अपना चुके G-23 गुट के नेता गुलाम नबी आजाद ने एकबार फिर पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कार्यकाल में सवाल पूछने की इजाजत थी, लेकिन आज के दौर में पार्टी लीडरशिप आलोचना सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अब कोई आलोचना नहीं सुनना चाहता है ,और बोलने पर दरकिनार कर दिया जाता।

गुलाम नबी आजाद ने कहा, ”कोई भी पार्टी नेतृत्व को चुनौती नहीं दे रहा है, लेकिन इंदिरा और राजीव ने मुझे जब चीजें गलत हों तो सवाल उठाने की छूट दे रखी थी. उन्हें आलोचना से दिक्कत नहीं होती थी, वे इससे नाराज नहीं होते थे। लेकिन आज का पार्टी नेतृत्व आलोचना से नाराज हो जाता है।

गुलाम नबी आजाद ने  बताया कि इंदिरा गांधी ने मुझे राजीव गांधी तक को ‘ना’ करने की छूट दे रखी थी। उन्होंने राजीव को कहा था कि मेरी ‘ना’ का मतलब ये नहीं है कि यह किसी तरह का अपमान है, बल्कि यह पार्टी की बेहतरी के लिए है।

आजाद के कांग्रेस छोड़कर नई पार्टी बनाने की अटकलें लग रही हैं. हालांकि उन्होंने नई पार्टी बनाने की खबरों से इनकार किया है, हालांकि उन्होंने कहा कि राजनीति में आगे क्या कुछ हो किसी को पता नहीं।

पार्टी छोड़ने की अटकलों से इनकार करते हुए आजाद ने कहा कि, अनुच्छेद 370 हटने के बाद पिछले 2 सालों से जनता और नेताओं में संबंध टूट सा गया है, इसलिए मै राज्य में राजनीतिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करने की कोशिश रहा हूं।

 

 

 

 

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