देहरादून 30 दिसंबर 2021,
दिल्ली: आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को आरक्षण के मानकों की समीक्षा के लिए बनी तीन सदस्यीय समिति ने 90 पेज की अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। इस समिति में पूर्व वित्त सचिव अजय भूषण पांडे, भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के सदस्य सचिव प्रोफेसर वीके मल्होत्रा और भारत सरकार के प्रमुख आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल हैं।
सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है। नीट एडमिशन में 10 फीसदी ईडब्लूएस कोटा दिए जाने के सरकार के फैसले को चुनौती दी गई तो याचिकाओं की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कई सवाल किए। ऐसे में सरकार ने समीक्षा के लिए 30 नवंबर को एक समिति बना दी।
समिति ने 10 प्रतिशत ईडब्लूएस आरक्षण के तहत सामान्य श्रेणी के लिए सरकार द्वारा तय की गई 8 लाख रुपये सालाना आय सीमा में कोई बदलाव की सिफारिश नहीं की है। समीक्षा के दौरान समिति ने पाया कि नीट 2020 में ईडब्लूएस कोटा के तहत लाभ लेने वाले 90 फीसदी छात्रों के परिवार की सालाना आय 5 लाख रुपये से भी कम थी। यूपीएससी और जीईई परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की सालाना आय भी भी इसी के समकक्ष थी। समिति की रिपोर्ट को जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जा सकता है।