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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुडुचेरी में 25 वें युवा महोत्सव का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्धाटन किया।

देहरादून 12 जनवरी 2022,
पुडुचेरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुडुचेरी में 25 वें युवा महोत्सव का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्धाटन किया। विवेकानंद जयंती पर आयोजित इस महोत्सव का शुभारंभ करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत के पास दो असीम ताकत हैं, एक डेमोग्राफी व दूसरी डेमोक्रेसी।

प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, ‘मैं महान स्वामी विवेकानंद को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनका जीवन राष्ट्रीय उत्थान के लिए समर्पित था। उन्होंने कई युवाओं को राष्ट्र निर्माण की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया है। आइये हम देश के लिए उनके सपनों को पूरा करने के लिए मिलकर काम करते रहें।

उन्होंने कहा कि, आज भारत के युवा में अगर टेक्नालॉजी का चार्म है, तो लोकतंत्र की चेतना भी है। आज भारत के युवा में अगर श्रम का सामर्थ्य है बेटीयां एक समान, इवं
पुडुचेरी में आयोजित युवा महोत्सव को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि हम मानते हैं कि बेटे-बेटी एक समान हैं। इसी सोच के साथ सरकार ने बेटियों की बेहतरी के लिए शादी की उम्र को 21 साल करने का निर्णय लिया है। बेटियां अपना करियर बना पाएं, उन्हें ज्यादा समय मिले, इस दिशा में ये एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है।

पांच दिवसीय पुडुचेरी युवा महोत्सव में भारत के हर जिले का प्रतिनिधित्व करने वाले युवा भाग लेंगे, राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्देश्य युवा नागरिकों को राष्ट्र-निर्माण की दिशा में प्रेरित करना, प्रज्वलित करना, एकजुट करना और सक्रिय करना है, ताकि हमारे जनसांख्यिकीय ताकत की वास्तविक क्षमता को उजागर किया जा सके।

देश के पास जितनी युवा शक्ति होती है, उसकी क्षमताओं को उतना ही व्यापक माना जाता है। भारत के पास ये दोनों ताकत है। उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया का मंत्र है ‘मुकाबला करो और जीतो।’ भविष्य की स्पष्टता भी है, इसीलिए, भारत आज जो कहता है, दुनिया उसे आने वाले कल की आवाज़ मानती है। भारत अपने युवाओं को विकास के साथ लोकतांत्रिक मूल्यों की ताकत मानता है। आज भारत व दुनिया के भविष्य का निर्माण हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने महर्षि अरबिंदो व सुब्रमण्यम भारती को भी याद करते हुए कहा कि, हम इसी वर्ष श्री अरबिंदो की 150 वीं जयंती मना रहे हैं और इस साल महाकवि सुब्रमण्य भारती जी की भी 100वीं पुण्य तिथि है। इन दोनों मनीषियों का पुडुचेरी से खास रिश्ता रहा है। ये दोनों एक दूसरे की साहित्यिक और आध्यात्मिक यात्रा के साझीदार रहे हैं।

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