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बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से हुई।

देहरादून 31जनवरी 2022,

दिल्ली: सोमवार को संसद के बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से हुई। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में देश से जुड़ी कई अहम जानकारी पेश कीं, साथ ही सरकार की उपलब्धियां भी सबके सामने रखीं।साल का पहला सत्र है, इसलिए परंपरा के मुताबिक, इसकी शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से हुई।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अभिषाण की शुरुआत देश के लाखों स्वाधीनता सैनानियों को नमन करते हुए की, जिन्होंने अपने कर्तव्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी और भारत को उसके अधिकार दिलाए। उन्होंने कहा कि सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र पर चलते हुए अगले 25 सालों के लिए मजबूत बुनियाद पर तेजी से काम कर रही है। इस बुनियाद का सबसे महत्वपूर्ण संकल्प एक सर्वसमावेश, सर्वहितकारी, सशक्त भारत का निर्माण और देश की आत्म निर्भरता है। 

कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि,कोरोना महामारी अपने तीसरे वर्ष में है. इसके चलते सभी राज्य सरकारें, डॉक्टर, नर्स, उद्यमी और हमारे वैज्ञानिक सब एक टीम की तरह के रूप में काम किया है। इसके लिए उन्होंने हर फ्रंटलाइन वर्कर का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि भारत का सामर्थ्य कोविड-19 वाक्सीनेशन में नजर आया. भारत ने एक साल से भी कम समय में 150 करोड़ से भी ज़्यादा वैक्सीन देने का रिकॉर्ड बनाया है. देश में 90 प्रतिशत वयस्कों को टीके की पहली खुराक मिल चुकी है. 70 प्रतिशत को दूसरू डोज़ मिल चुकी है. नए साल से कोरोना की तीसरी डोज और 15-18 साल के बच्चों को भी टीका दिया जा रहा है. देश में 8 वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाज़त मिल चुकी है।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार दूरदर्शी काम कर रही है। इसके चलते, 64 हजार करोड़ रुपये की लागत से आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है. इससे आने वाले संकटों के लिए देश को तैयार किया जाएगा। 80 हजार से ज्यादा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और आयुष्मान भारत कार्ड से लोगों को बहुत मदद मिली है। 8 हजार से अधिक जन औषधि केंद्र हैं, जहां सस्ती दवाएं मिलती हैं।

अपने अभिषाण में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारतीय फार्मा सेक्टर ने अपनी श्रेष्ठता को सबित किया है. भारत में दुनिया के सबसे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ग्लोबल सेंटर ऑफ ट्रैडिशनल मेडिसन की स्थापना होने जा रही है. योग, आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा पद्धति की लोकप्रियता बढ़ रही है. 2014 में देश से 6,600 करोड़ रुपए के आयुष उद्पादों को निर्यात होता था जो अब 11,000 करोड़ रुपए से अधिक हो गया है।

कोविंद बोले कि बाबा साहेब अंबेडकर ने कहा था कि मेरा आदर्श ऐसा समाज होगा जो स्वाधीनता, भाईचारे पर आधारित होगा। बाबा साहेब के आदर्शों को सरकार ध्येय वाक्य मानती है। इसलिए सरकार की नीतियों में गांव, गरीब, पिछड़े, अनुसूचिजाति और जनजातियों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। हाल ही के पद्म पुरस्कारों में यह दिखाई पड़ता है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि कोरोना समय में सरकार के सरकार ने सुनिश्चित किया कि कोई गरीब भूख न रहे. पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत सभी कराबों को सरकार मुफ्त राशन दे रही है. 80 करोड़ लाभार्थियों को 19 महीनों से खाद्यान्न वितरित करने के लिए 2 लाख 60 हजार करोड़ (2, 60,000 करोड़) रुपए के खर्च के साथ भारत में सबसे बड़ा खाद्यान्न वितरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। कोरोना काल में गरीबों के लिए स्वनिधि योजना भी चला रही है. इसके तहत 28 लाख रेहड़ी-पटरी लगाने वालों को 2900 करोड़ की धनराशी प्रदान की गई है. सरकार इन स्ट्रीट वेंडर्स को ऑनलाइन फूड डिलिवरी करने वाली कंपनियों के साथ जोड़ रही है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सरकार गरीब की गरिमा बढ़ाने का काम कर रही है। 2 करोड़ से अधिक पक्के घर गरीबों को मिले हैं। आवास योजना के तहत 1 करोड़ से ज्यादा घर स्वीकृत किए गए।पेयजल की व्यवस्था हुई, 6 करोड़ ग्रामीण घरों को पेयजल से जोड़ा गया है, जिससे महिलाओं को राहत मिली, स्वामित्व योजना ये घर के कागज (प्रोपर्टी कार्ड) मिले, जिससे विवाद कम हुए. 27 हजार गांवों में करीब 40 लाख से ज़्यादा प्रॉपर्टी कार्ड दिए जा चुके हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि डिजिटल इंडिया और डिजिटल इकॉनमी के बढ़ते प्रसार के संदर्भ में देश के यूपीआई प्लेटफॉर्म की सफलता के लिए मैं सरकार के विज़न की प्रशंसा करूंगा। दिसबंर 2021 में देश में 8 लाख करोड़ रुपए से ज़्यादा का लेन-देन यूटीआई के माध्यम से हुआ है।

राष्ट्रपति ने कहा कि डिजिटल इंडिया और डिजिटल इकॉनमी के बढ़ते प्रसार के संदर्भ में देश के यूपीआई प्लेटफॉर्म की सफलता के लिए मैं सरकार के विज़न की प्रशंसा करूंगा. दिसबंर 2021 में देश में 8 लाख करोड़ रुपए से ज़्यादा का लेन-देन यूपीआई के माध्यम से हुआ है।

देश के किसानों की फसलों की खरीद पर राष्ट्रपति ने कहा कि, कोरोना के बावजूद 2020-21 में हमारे किसानों ने 30 करोड़ टन से अधिक खाद्यान्न और 33 करोड़ टन से अधिक बागवानी उत्पादों की पैदावार की है। किसानों से भी रिकॉर्ड खरीदी गई है। किसानों की आय के नए जरिए तैयार किए जा रहे हैं. कृषि से जुड़े निर्यात में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। किसान रेल से किसानों को फायदा हुआ। कोरोना काल में 1900 से ज्यादा किसान रेल चली। कोविंद बोले यह दिखाता है कि सोच नई हो, तो पुराने संसाधन भी काम आ सकते हैं. छोटे किसानों (कुल के 80 फीसदी) के हितों को सरकार ने प्रमुख तौर पर रखा है. सरकार ऑर्गेनिक खेती जैसे प्रयास भी कर रही है। सरकार बारिश के जल को बचाने के लिए भी कदम उठा रही है। अटल भू जल योजना से 64 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता विकसित की गई है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि महिला सशक्तिकरण सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। उज्जवला योजना और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजनाएं सकारात्मक रही हैं. महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने के लिए महिलाओं की शादी की उम्र 18 से 21 साल करने का नियम बनाया गया. तीन तलाक को कानून अपराध घोषित किया. मेहरम के साथ हज यात्रा के प्रतिबंध को हटाया गया।

महिलाओं को शिक्षा में बढ़ावा देने के लिए, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जंडर इनक्लूज़न फंड का प्रावधान किया गया है. मौजूदा 33 सैनिक स्कूलों में लड़कियों को एडमिशन देना शुरू कर दिया है। एनडीए में भी महिलाओं को मज़ूरी मिली है जून 2022 में पहला बैच प्रवेश करेगा।

भारत में इंटरनेट की कीमत सबसे कम है। 5जी पर भी काम तेजी से जारी है, भारत में स्टार्टअप तेजी से बढ़े हैं. इससे देश में रोजगार बढ़ेंगे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जानकारी दी कि 2016 से 56 सेक्टर में 60 हजार नए स्टार्ट अप बने हैं, इनसे 6 लाख से ज्यादा रोजगार दिए गए. 2021 में कोरोना काल में भारत में, 40 से ज़्यादा यूनिकॉर्न स्टार्टअप अस्तित्व में आए, प्रत्येक का मूल्य 7400 करोड़ से ज़्यादा आंका गया है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि इस वित्त वर्ष में पेटेंट के लिए करीब 6 हजार और ट्रेडमार्क के लिए करीब 20 हजार से ज़्यादा आवेदन किए गए हैं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सरकार के निरंतर प्रयासों से भारत दुनिया की विकसित अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है. देश में जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए से ऊपर बना हुआ है। इस वित्त वर्ष के पहले 7 महीनों में, 48 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश आना, दर्शाता है कि विदेशी निवेशक भारत के विकास को लेकर अश्वस्त हैं। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 630 बिलियन डॉलर से ऊपर है‌।

उन्होंने कहा कि युवाओं को नए अवसर देने के लिए, मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में 1 लाख 97 हजार करोड़ से ज़्यादा के निवेश से 14 अहम पीएलआई स्कीम शुरू की हैं. इसमें 60 लाख से रोजगार के अवसर मिलेंगे। भारत दुनिया में दूसरा मोबाइल निर्माता बनकर उभरा है।

अपने अभिषाण में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि देश के विकास में एम एस एम ई बेहद अहम रहे हैं। इन्हें संकट से बचाने के लिए 3 लाख करोड़ रुपए के कोलेटरल फ्री लोन की व्यवस्था शुरू की है। इस योजना की सहायता से 13.5 लाख एमएसएमई यूनिट्स को जीवनदान दिया गया और 1.5 करोड़ रोजगार सुरक्षित किए गए। एमएसएमई यूनिट से छोटे उद्योगो को बढ़ाने में मदद मिल रही है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है. भारतीय भाषाओं में महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षा आयोजित करने पर जोर दिया जा रहा है। 10 राज्यों के 19 इंजीनियरिंग कॉलेज इस साल 6 भारतीय भाषाओं में पढ़ाएंगे।

भारत की प्राचीन विरासत को संरक्षित करना सरकार का कर्तव्य मानते हुए, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सरकार भारत की प्राचीन विरासत को संरक्षित करना अपना कर्तव्य समझती है। धौलावीरा की हडप्पा साइट और तेलंगाना की 13वीं शताब्दी के काकतीय रुद्रेश्वर रामप्पा मंदिर को यूनेस्को विश्व धरोहर घोषित किया गया है. यूनेस्को की सांस्कृतिक विरासत सूची में कोलकाता की दुर्गा पूजा को भी जगह मिली है।100 साल पहले चोरी हुई, मां अन्नपूर्णा की मूर्ति को वापस लाकर काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित किया गया है। भारत की अध्यात्मिक विरासत को फिर से जीवित किया जा रहा है. इसलिए पर्यटन और इनफ्रास्टर्चर का विकास भी हो रहा है।

 

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