देहरादून 03 सितंबर 2023,
सूर्य पर होने वाले विविध प्रक्रियाओं का अध्ययन करने के लिए आदित्य एल-1 का प्रक्षेपण किया गया है। इस मिशन के साथ ही भारत सूर्य पर भी रिसर्च करने के लिए 127 दिन में एल-1 लैग्रेंज प्ंवाइट पर पहुंच जाएगा। यहां से सूर्य में होने वाली हलचल के साथ ही वहां पर हो रही प्रक्रियाओं को भी समझा जा सकेगा।
इसरो वैज्ञानिकों ने जानकारी दी है कि आदित्य एल-1 127 दिन में सूर्य और पृथ्वी के बीच स्थित एल-1 लैग्रेंज प्वाइंट पर पहुंचेगा। साल 2024 में करीब 7 जनवरी तक यह अपने निर्धारित स्थान पर पहुंच जाएगा। आदित्य एल-1 धरती को नुकसान पहुंचाने वाले रेडिएशन का भी विश्लेषण करेगा। इसके साथ ही वहां पर हो रही हलचल का भी डेटा कलेक्ट करेगा। सूरज पर बनने वाले स्पॉट, सोलर फ्लेयर्स, सोलर विंड, अल्ट्रा वॉयलेट रेज , एक्स रेंज और गामा का भी अध्ययन करेगा।
आदित्य एल-1, पृथ्वी और सूर्य के बीच में एल-1, लैग्रेंज प्वाइंट पर लगभग चार महीने में पहुंचेगा। आदित्य एल- 1, में सात पेलोड लगे हुए हैं, जो सूर्य पर होने वाले विविध प्रक्रियाओं, सौर तरंगों की, स्पेस मौसम के प्रभावों का अध्ययन करेंगें।
पांच लैग्रेंज प्वाइंट हैं, जिसमें से आदित्य एल-1 लैग्रेंज प्वाइंट-1 पर जा रहा हैं। लैग्रेंज प्वाइंट-1 सूर्य और पृथ्वी की लाइन पर है। यह इन दोनों को जोड़ने वाली लाइन है। पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूरी पर है। लैग्रेंज प्वाइंट-1 पर हलो ऑर्बिट है। जहां पर आदित्य-एल- 1 जाएगा । इसके बाद वह वहां से लगातार सूर्य का अध्ययन करेगा यह देश के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है।