अमेरिका के अधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि, अमेरिकी सेना ने शनिवार सुबह यमन में हुती विद्रोहियों के नियंत्रण वाले स्थान के साथ ही यमन की राजधानी सना में ड्रोन और बमों से हमले किए हैं। ये हमले अमेरिका एवं ब्रिटेन सेना द्वारा किए गए हैं। जिसमें 28 स्थानों पर स्थित 60 ठिकानों पर हमला किया गया। इसके साथ ही अमेरिका का कहना है कि एक रडार स्थल अब भी समुद्री यातायात के लिए खतरा बना हुआ है।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को चेतावनी दी थी कि हुती विद्रोहियों को और हमलों का सामना करना पड़ सकता है। हुती विद्रोहियों पर हवाई हमले करने के बाद अमेरिकी नौसेना ने अमेरिका के ध्वज वाले जहाजों को अगले 72 घंटे तक लाल सागर और अदन की खाड़ी में यमन के आसपास के इलाकों से दूर रहने के आदेश दिए थे।
यमन के हुती विद्रोहियों ने अमेरिका और ब्रिटेन से हमलों का बदला लेने का आह्वान किया है। जिससे गाजा में इजराइल के युद्ध के अलावा एक और बड़ा संघर्ष शुरू होने का खतरा बढ़ गया है। अमेरिकी सेना और व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें लगता है कि हुती पलटवार करेंगे। वहीं दूसरी ओर हुती विद्रोहियों ने कहा कि अमेरिका के नेतृत्व में किए गए हवाई हमलों में कई लोगों के मरने और घायल होने के सूचना मिली है।
राष्ट्रपति बाइडेन ने हूती विद्रोहियों कोआतंकवादी कहा:-
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने पेन्सिलवेनिया में कहा, ”मुझे लगता है कि वे आतंकवादी हैं। ”हुती के सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल याह्या सारी ने पहले से रिकॉर्ड बयान में कहा कि अमेरिकी हवाई हमलों का जवाब दिया जाएगा। अमेरिका के पूर्व खुफिया अधिकारी एलिसा स्लॉटकिन ने अमेरिकी हमलों का स्वागत किया है, लेकिन चिंता व्यक्त की कि ईरान का लक्ष्य अमेरिका को गहरे संघर्ष में घसीटना है।
हूती विद्रोहियों पर अमेरिका के हवाई हमले के बाद ईरान के साथ-साथ तुर्किए, रूस और चीन भी हूती के पक्ष में खड़े हो गए हैं। तनाव की वजह से महायुद्ध की आशंका बढ़ती जा रही है।