दिल्ली, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग; उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता, एआई, गरीबी से लड़ने, दूरदराज के क्षेत्रों में वस्तुओं और सेवाओं का वितरण करने और भविष्य के लिए कार्यबल को अत्यधिक कुशल बनाने का एक शक्तिशाली उपकरण है। यह बात मंत्री ने आज नई दिल्ली में आयोजित ‘स्लश’डी’ के पहले सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान कही।
श्री गोयल ने बदलाव लाने वाली प्रौद्योगिकियों, विशेष रूप से एआई को अपनाने के संबंध में भारत की प्रतिबद्धता की बात दोहराई। उन्होंने प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने और जीवन को बेहतर बनाने के लिए एआई को अपनाया जाना चाहिए। मंत्री ने एआई में दुनिया में अग्रणी देश के रूप में भारत की भूमिका और अंतरराष्ट्रीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में देश की बढ़ती मान्यता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत की ताकत इसकी बड़ी युवा आबादी, विशाल डेटा संसाधन और उद्यमिता संस्कृति में निहित है।
केन्द्रीय मंत्री ने आयोजकों और प्रतिभागियों को सार्थक चर्चा में शामिल होने और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए बधाई दी। यह कार्यक्रम भारत के बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम के गतिशील और विविध प्रतिभागियों को एक साथ लाने में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि “स्लश’डी के पहले सम्मेलन ने चर्चा, नेटवर्किंग और प्रेरणा के लिए एक मंच प्रदान किया है। श्री गोयल ने युवा भारतीय प्रतिभाओं को अपने विचारों को नई महत्वाकांक्षाओं और मिशनों में बदलने के लिए प्रोत्साहित करते हुए अपने संबोधन का समापन किया। उन्होंने भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए उत्प्रेरक के रूप में एआई के महत्व और भारत का अद्वितीय विक्रय प्रस्ताव बनने की इसकी क्षमता को रेखांकित किया।