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फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर की 24 साल सहायक टीचर की नौकरी, अब हुआ बर्खास्त

हाईस्कूल और इंटर के फर्जीप्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी करना शिक्षक को भारी पड़ गया। जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक शिक्षा ने जांच के बाद आरोपी शिक्षक को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। बर्खास्त शिक्षक बीते 24 साल से राजकीय प्राथमिक विद्यालय रामजीवनपुर में सहायक अध्यापक था। उसकी तैनाती मृतक आश्रित के रूप में हुई थी। राजकीय प्राथमिक विधायक रामजीवनपुर में जसपुर निवासी हरगोविंद सिंह की तैनाती पिता की मृत्यु के बाद सहायक अध्यापक के रूप में 2000 में हुई थी

हरगोविंद ने नियुक्ति के दौरान हाईस्कूल, इंटर तथा अदीब, कामिल जामिया उर्दू अलीगढ़ के प्रमाण पत्र लगाए थे। फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर  करने की शिकायत कुछ लोगों ने विभाग से की थी और एसआईटी जांच की मांग की। उसके बाद एसआईटी ने जांच की। जिसमें आरोपी शिक्षक के हाईस्कूल और इंटर के प्रमाणपत्र फर्जी मिले।

एसआईटी ने महानिदेशक विद्यालय शिक्षा को इसकी जानकारी दी और कार्रवाई के लिए लिखा। तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक शिक्षा ने सहायक अध्यापक को 30 नवंबर 2017 को आरोपपत्र जारी कर निलंबित किया था। साथ ही उपशिक्षा अधिकारी को जांच सौंपी थी। उप शिक्षा अधिकारी ने जांच में शैक्षिक प्रमाण पत्रों को फर्जी पाया और अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी थी।

 

रिपोर्ट मिलने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक शिक्षा हरेंद्र कुमार मिश्र ने उत्तराखंड सरकारी सेवक नियमावली 2003 के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त किया है। बीती 14 मई को बर्खास्तगी के आदेश की प्रति शिक्षक को भेज दी गई है।

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