देहरादून 31 अगस्त 2023,
दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि, चंद्रयान-3 मिशन ने चंद्रमा की साऊथ पोल पर एक सप्ताह पूरा कर लिया है। लैंडिंग के बाद से प्रज्ञान रोवर ने सल्फर (एस), और ऑक्सीजन (ओ) सहित कई रासायनिक तत्वों के मौजूद होने की की पुष्टि की है। चांद पर हाइड्रोजन (एच) पानी की खोज जारी है। मिशन पर गया प्रज्ञान रोवर रोज नई जानकारी जुटा रहा है और इसे धरती पर इसरो के वैज्ञानिकों के साथ साझा कर रहा है। इसके साथ ही विक्रम लैंडर ने चांद पर भूकंप की घटना और भूगर्भीय गतिविधियों को भी नापा है। वैज्ञानिकों को रोवर द्वारा अब तक चंद्रमा के सतह पर अनियमित तापमान के होने की जानकारी मिली है। प्रज्ञान की भेजी जानकारी के अनुसार सतह पर तापमान लगभग 50 डिग्री था, जबकि सतह से केवल 8 सेमी नीचे तापमान -10 डिग्री तक गिर गया। और सतह से लगभग 1-2 सेमी ऊपर 60-70 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।
इसरो के हवाले से बताया गया है कि, चंद्रमा पर रात होने से पहले डेटा इकट्ठा करने के लिए प्रज्ञान रोवर के पास अब पृथ्वी के कुल 07 दिन शेष बचे हैं। चंद्रमा का एक दिन पृथ्वी के 14 दिन के बराबर होता है। 07 दिनों के पश्चात चांद पर रात हो जाएगी। चांद पर रात पृथ्वी के 14 दिन के बराबर होती है। चूँकि प्रज्ञान सौर ऊर्जा से चलने वाला रोवर है, इसलिए यह पूरी तरह काम नहीं कर पाएगा। रात में चंद्रमा पर तापमान -133 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। इतने कम तापमान पर प्रज्ञान रोवर के लिए काम करना मुश्किल होगा। इस अवधि के दौरान रोवर विक्रम लैंडर के संपर्क में रहेगा, लेकिन इसका इसरो से कोई सीधा संबंध नहीं होगा।
हालांकि इसरो की अगले सप्ताह के बाद विक्रम लैंडर और रोवर को स्टार्ट करने की कोई योजना नहीं है लेकिन अंतरिक्ष एजेंसी को उम्मीद है कि चंद्र रात्रि समाप्त होने के बाद दोनों फिर से काम करना शुरू कर देंगे। अगर ऐसा होता है तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। इसरो को भी चंद्रमा की सतह का अध्ययन करने के लिए और ज्यादा समय मिल जाएगा।